आपसी सहयोग से कुपोषणमुक्त होगा जिला
पोषण अभियान सिर्फ एक कार्यक्रम ही नहीं है बल्कि एक जन आंदोलन है। जिले को कुपोषणमुक्त बनाने में हम-सबकी सहयोग जरुरी है। इसके लिए प्रत्येक व्यक्ति, संस्थान व जन प्रतिनिधि को आगे आना होगा। उक्त बातें...
पोषण अभियान सिर्फ एक कार्यक्रम ही नहीं है बल्कि एक जन आंदोलन है। जिले को कुपोषणमुक्त बनाने में हम-सबकी सहयोग जरुरी है। इसके लिए प्रत्येक व्यक्ति, संस्थान व जन प्रतिनिधि को आगे आना होगा। उक्त बातें डीएम डॉ. निलेश रामचंद्र देवरे ने कही। वे कलेक्ट्रेट के सभागार में आयोजित पोषण अभियान से संबंधित सेमिनार में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पोषण माह के तहत जिले में प्रभातफेरी, गोद भराई, हाथ धोने व गृहभ्रमण, पोषण मेला, अन्नप्राशन, माता समूह-सह-महिला किसान बैठक, किशोरी मिटिंग-सह-प्रश्नोतरी आदि गतिविधियों के माध्यम से कुपोषण के प्रति बच्चों, किशोरियों व महिलाओं को करें। उन्होंने कहा कि पोषण अभियान के तहत गर्भवती महिलाएं, धात्री महिलाएं तथा नवजात शिशु, किशोरियों, बच्चों के बीच कुपोषण से होने वाले बीमारियों से अवगत कराया जा रहा है। डीडीसी रवीन्द्र नाथ प्रसाद सिंह ने कहा कि अभियान में सबसे जरुरी है स्वच्छता। सभी शौचालय का इस्तेमाल करें। आईसीडीएस डीपीओ डॉ. निरूमा कुमारी ने प्रसव के बाद मां का पहला पीला गाढ़ा दूध अवश्य ही पिलाना चाहिए। सीएस डॉ. अरुण कुमार सिन्हा ने कहा कि राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग के तरफ से भी कई कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। 6 माह पूरा होने पर बच्चों को पूरक आहार देना चाहिए। ओएसडी बैधनाथ प्रसाद आदि उपस्थित रहे।