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एप्टॉपिक गर्भधारण से हो सकता है खतरा : डॉ. रंजन

समान्य गर्भधारण यूट्रस में होता है। परंतु यूट्रस के रास्ते में यानि पेट या फैलोपीन ट्यूब में गर्भधारण खतरनाक हो सकता है। इस तरह के गर्भ जानलेवा हो सकता है। उक्त बातें मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य...

एप्टॉपिक गर्भधारण से हो सकता है खतरा : डॉ. रंजन
हिन्दुस्तान टीम,बगहाTue, 21 Nov 2017 12:06 AM
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समान्य गर्भधारण यूट्रस में होता है। परंतु यूट्रस के रास्ते में यानि पेट या फैलोपीन ट्यूब में गर्भधारण खतरनाक हो सकता है। इस तरह के गर्भ जानलेवा हो सकता है। उक्त बातें मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राजीव रंजन प्रसाद ने कहीं। वे सोमवार का लेक्चर थियेटर में ऐप्टॉपिक प्रिगनेंसी अर्थात विस्थापित गर्भधारण पर आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि राज्य में विस्थापित गर्भधारण के एक प्रतिशत मामले पाये जाते है। परंतु पश्चिम चम्पारण जिले में इसकी अनुपात अधिक होने की आशंका है। जिसके जांच के लिए स्त्री एवं प्रसव विभाग विशेष अभियान चलाएगा। यह सेमिनार विस्थापित गर्भधारण के निदान विषय पर आयोजित थी। स्त्री रोग विभाग की सहायक प्रधानाध्यापक डॉ. मालविका कुमुद ने कहा कि टीवी के मरीजों, कॉपर टी लगायी महिलाएं एवं अधिक उम्र के गर्भवतियों में ऐप्टाकिक प्रिंगनेंसी होने की आशंका रहती है। लेप्रोंसर्जरी से विस्थापित प्रसव का इलाज हो सकता है।

इस तरह के गर्भवस्था की शीघ्र पहचान जरुरी है। क्योंकि गर्भधारण जितने अधीक दिनों तक रहेगा। उतना ही अधीक पेट के अंदर फटने की संभावना होगी। उन्होंने प्रत्येक महिलाओं को सलाह दी कि गर्भवस्था के दौरान अस्पताल में आवश्यक नियमित जांच कराये। सेमिनार में डा.डीके सिंह, डा. छोटेलाल पासवान, डा. अवधेश कुमार सिंह, डा. उमाकांत झा, डा. मेहिलाल सिंह, डा. विक्टर सलबातोरी, डा. वीणा कुमारी, डा. विमला कुमारी, डा. शिल्पी रंजन आदि उपस्थित थे।

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