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नहाय खाय पर खरीदारी को उमड़ी रही भीड़

संतानों की लंबी उम्र की कामना को लेकर किया जाने वाला व्रत जिउतिया बुधवार को नहाय खाय के साथ शुरू हो गया। जिउतिया व्रत में नहाय खाय की विशेष महत्व होता है। महिलाएं इस दिन सुबह नदी में करती हैं। इस दिन...

नहाय खाय पर खरीदारी को उमड़ी रही भीड़
हिन्दुस्तान टीम,बगहाWed, 09 Sep 2020 09:04 PM
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संतानों की लंबी उम्र की कामना को लेकर किया जाने वाला व्रत जिउतिया बुधवार को नहाय खाय के साथ शुरू हो गया। जिउतिया व्रत में नहाय खाय की विशेष महत्व होता है। महिलाएं इस दिन सुबह नदी में करती हैं। इस दिन सिर्फ एक बार ही सात्विक भोजन करना होता है। इस व्रत को खर जितिया कहा जाता है। यह निर्जला व्रत होता है। आखिरी दिन पारण किया जाता है।दान दिया जाता है। पंडित प्रभूनाथ तिवारी ने बताया कि 9 सितंबर दिन बुधवार को नहाय-खाय, रात्रि में शुद्ध भोजन करना है। भोर में सरगही गुरुवार 10 सितंबर को उदया तिथि अष्टमी में व्रत किया जाएगा। उसी दिन शाम को पूजन होगा। 11 सितंबर दिन शुक्रवार को सूर्योदय के उपरांत प्रात: काल में पारण होगा। यह व्रत तीन दिन तक चलता है। पहला दिन नहाए खाए , दूसरा दिन जितिया निर्जला व्रत और तीसरे दिन पारण किया जाता है। तीज और छठ पर्व की तरह जिउतिया व्रत की शुरूआत भी नहाय-खाय के साथ ही होती है। इस पर्व को तीन दिनों तक मनाये जाने की परंपरा है।सप्तमी तिथि को नहाय-खाय होती है। उसके बाद अष्टमी तिथि को महिलाएं बच्चों की उन्नति और आरोग्य रहने की मंगलकामना के साथ निर्जला व्रत रखती हैं। वहीं, तीसरे दिन अर्थात नवमी तिथि को व्रत को तोड़ा जाता है। जिसे पारण भी कहा जाता है। पर्व की मान्यता है कि संतान की आयु बढ़ती है।

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