चरगाहा मिश्र टोला के लोगों को चाहिए स्ट्रीट लाइट व पक्की सड़क
नगर निगम के वार्ड-40 के चरगाहा मिश्र टोला मोहल्ले में स्ट्रीट लाइट, पक्की सड़कें, और शुद्ध पेयजल की कमी है। पिछले 3 वर्षों से यहां की बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। लोग खुले में शौच करने को मजबूर...
नगर निगम के वार्ड-40 के अधीन आने वाले चरगाहा मिश्र टोला मोहल्ले में स्ट्रीट लाइट नहीं है। नगर निगम में शामिल हुए 3 वर्ष हो गए। लेकिन अभी तक यहां के लोगों को मूलभूत सुविधाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। सुदामा प्रसाद के घर से राम जानकी मठ होते हुए गोड़वा टोला चौराहा तक कच्ची सड़क परेशानी का सबक बना हुई है। हल्की बारिश में कच्ची सड़क कीचड़ में तब्दील हो जाती है। जगह-जगह 2 से 3 फीट के गड्ढे हैं। दो पहिया और चार पहिया वाहन की बात कौन कहे। यहां पैदल चलना भी मुश्किल है। स्ट्रीट लाइट नहीं होने से शाम होते ही पूरा इलाका अंधेरे में तब्दील हो जाता है।
नालियों का अभाव है। सरकारी चापाकल सूखें पड़े हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों में भी चापाकल नहीं है। शौचालय का अभाव है। मोहल्ले के लोगों को शौचालय की कमी से खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है। पक्की नाली नहीं होने के कारण घरों का पानी सड़कों पर बह रहा है। जलजमाव सबसे बड़ी समस्या है। जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। राजेश यादव, राजेंद्र प्रसाद, शंभू पटेल, राजू पटेल ने बताया कि जब हम लोग पंचायत में थे। उस समय हर घर नल की सुविधा मिलती थी। तीन वर्षों से हर घर नल की सुविधा बंद है। सभी पानी टंकी बेकार पड़े हुए हैं। बिजली के खंभे नहीं होने के कारण बास के सहारे घरों में बिजली की आपूर्ति की जाती है। बेतिया-अरेराज स्टेट हाइवे के शांति चौक से चरगाहा होते हुए तिरहुत मुख्य नहर तक जाने वाली सड़क जर्जर हो गई है। सड़क में कोहड़ा नदी पर बना पुल जर्जर हो गया है। पुल की रेलिंग कई बरसों से टूटी हुई है। पुल की रेलिंग टूटे होने से बीते तीन वर्षों में आधा दर्जन बच्चों के नदी में गिरने से मौत हो गई है। इसके बावजूद पुल की रेलिंग नहीं बन सकी है। सफाई नहीं होने से कोहड़ा नदी में गाद भर गया है। पूरा नदी जलकुंभी से भरा पड़ा है। पानी का बहाव नहीं होने से नदी से बदबू आती है। जिससे नदी के किनारे रहने वाले लोगों का जीना दूभर हो गया है। नालियों व मोहल्ले में नियमित साफ सफाई नहीं होती है। सड़क पर कूड़े का अंबार लगा रहता है। सड़क के साथ नालियों की स्थिति भी अच्छी नहीं है। हर घर नल की सुविधा भी नहीं मिल रही है। जबकि इस मोहल्ले में 5000 की आबादी है। कोहड़ा नदी में मछली पालन होता था। साफ सफाई नहीं होने और जलकुंभी होने के कारण लगभग 10 वर्षों से मछली पालन का काम बंद पड़ा हुआ है। महाराजा के समय में इस नदी में जहाज चलते थे। यह माल ढुलाई के लिए बेहतर जलमार्ग था। लेकिन अतिक्रमण व साफ-सफाई नहीं होने के कारण नदी का स्तित्व ही संकट में है। इसके जीणोद्धा से शहर में भूजल स्तर से लेकर पानी की निकासी की व्यवस्था दुरुस्त होगी। बांगड़ टोली के पास कोहड़ा नदी पर बना पुल जर्जर होने के कारण बड़ी गाड़ियां मोहल्ले के अंदर नहीं आ पाती है। जिसके कारण घर निर्माण के समय गिट्टी, बालू, ईंट आदि की ढुलाई में अतिरिक्त खर्च व्यय करना पड़ता है। स्थानीय लोगों का मानना है कि यह मोहल्ला पहले से ही काफी पिछड़ा हुआ है। मोहल्ले के विकास के लिए अतिरिक्त आवंटन की जरूरत है। अतिरिक्त आवंटन मिलने के बाद ही यहां के लोगों को सारी मूलभूत सुविधाओं का लाभ मिल पाएगा।
शिकायतें
1. चरगाहा मोहल्ले में स्ट्रीट लाईट नहीं है। बांस-बल्ले के सहारे लोग बिजली का तार घरों तक ले गये हैं।
2. सड़क में कोहड़ा नदी पर बना पुल जर्जर हो गया है। इसकी रेलिंग टूटी हुई है। लोग इससे गिर जाते हैं।
3. मोहल्ले में फॉगिंग नहीं होती है। मच्छरों के प्रकोप से लोग परेशान हैं।
4. नालियों व मोहल्ले में नियमित रूप से साफ-सफाई नहीं होती है। इससे चारों तरफ गंदगी पसरी रहती है।
5. लोगों को शुद्ध पेयजल नहीं मिलता है। चापाकल खराब हैं व हर घर नल का जल बीते तीन वर्षों से बंद है।
सुझाव:
1. मोहल्ले में बिजली के पोल के साथ उसपर स्ट्रीट लाइट लगाये जाएं।
2. कोहड़ा नदी पर बने पुल की मरम्मत समेत नदी की सफाई की की व्यवस्था हो। अतिक्रमण भी हटाया जाय।
3. नियमित रूप से मोहल्लों में फॉगिंग हो, बारिश के बाद मच्छरों का प्रकोप कम नहीं होने पर बीमारियों का खतरा है।
4. नालियों व मोहल्ले की सफाई नियमित रूप से की जाय। कहीं भी गंदगी नहीं पसरे।
5. हर घर नल का जल चालू किया जाय। खराब पड़े चापाकल को दुरुस्त किया जाय।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।




