शव नहीं मिलने से अटका प्रमाण पत्र, आपदा लाभ की उम्मीदें धुंधली
एक भाई को बचाने के क्रम में दो भाई बह गए थे नहर की तेज धार में, एक का शव मिला दूसरे का पता नहीं स स स स स स स स स स स स स स

कुटुंबा थाना क्षेत्र के राजपुर खैरा गांव के समीप नहर में डूबे माली थाना क्षेत्र के सिमरी धमनी निवासी राजेंद्र विश्वकर्मा के बड़े पुत्र प्रिंस विश्वकर्मा का शव एक सप्ताह बाद भी बरामद नहीं हो सका है। शव न मिलने से मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत नहीं हो पा रहा है, जिसके कारण आपदा प्रबंधन विभाग से मिलने वाली आर्थिक सहायता भी अटकी हुई है। परिजन इसको लेकर लगातार सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं। बीते सप्ताह राजेंद्र विश्वकर्मा के तीन पुत्र अपनी बुआ के घर राजपुर खैरा आए थे। इसी दौरान नहर किनारे टहलते समय छोटा पुत्र रिंशु विश्वकर्मा फिसलकर नहर में गिर पड़ा।
उसे बचाने के प्रयास में बड़े भाई प्रिंस और पीयूष भी नहर में कूद गए। रिंशु को तो दोनों भाइयों ने बचा लिया, लेकिन तेज धारा में बहने से प्रिंस और पीयूष लापता हो गए। अगले दिन पीयूष का शव बरामद कर अंतिम संस्कार कर दिया गया, जबकि प्रिंस का अब तक कोई सुराग नहीं मिला। एसडीआरएफ की टीम ने तलाशी अभियान चलाया था, लेकिन सफलता नहीं मिली। शव बरामद न होने के कारण मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत नहीं किया जा सका है। आपदा प्रबंधन विभाग से मिलने वाली सहायता राशि इसी पर निर्भर है। सीओ चंद्र प्रकाश ने कहा कि बिना मृत्यु प्रमाण पत्र और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आपदा लाभ प्रदान करना संभव नहीं है। बीडीओ आदर्श कुमार नंदा ने स्पष्ट किया कि बिना शव मिले मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने में कानूनी बाधाएं हैं। इस पर वरीय अधिकारियों से मार्गदर्शन लिया जाएगा। थानाध्यक्ष मो. इमरान अली ने बताया कि परिजनों के आवेदन पर दर्ज एफआईआर में दोनों भाइयों के नहर में डूबने का उल्लेख है, जिनमें से एक का शव बरामद हो चुका है और दूसरा अभी तक लापता है। इस दुखद हादसे में राजेंद्र विश्वकर्मा ने अपने दो पुत्र खो दिए। एक का अंतिम संस्कार हो सका लेकिन दूसरे का शव अब तक न मिलने से परिवार गहरे सदमे में है।
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