Hindi Newsबिहार न्यूज़औरंगाबादThere is special importance of performing Rudra Abhishek in Sawan - Page 4 Bottom

सावन में रुद्राभिषेक करने का है विशेष महत्व-पेज-4 बॉटम

जिले के विभिन्न शिव मंदिरों में रुद्राभिषेक का कार्यक्रम भी जारी, सोमवार को रहती है...

Newswrap हिन्दुस्तान, औरंगाबादSun, 4 Aug 2024 05:00 PM
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सावन का पवित्र महीना चल रहा है तो दूसरी ओर इस महीने में लोग रुद्राभिषेक भी कर रहे हैं। जिला मुख्यालय के अधिकांश शिव मंदिर में इसकी व्यवस्था है और रुद्राभिषेक करने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ गई है। जिला मुख्यालय में ही बुढ़वा महादेव मंदिर, बाईपास के समीप स्थित महेश्वरम मंदिर, पंचदेव मंदिर, महाकाल मंदिर, प्रियव्रत पथ स्थित शिव मंदिर, पुलिस लाइन स्थित शिव मंदिर, सीतयोग इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर में स्थित शिव मंदिर, क्षत्रिय नगर स्थित शिव मंदिर सहित अन्य जगहों पर सावन में लगभग प्रत्येक दिन रुद्राभिषेक का कार्यक्रम हो रहा है। सोमवार को तो अनिवार्य रूप से रुद्राभिषेक का आयोजन हो रहा है। पुजारी गोपाल शास्त्री ने बताया कि रुद्राभिषेक दो शब्दों से मिलकर बना है रुद्र और अभिषेक। रुद्र का अर्थ है दुखों को हरने वाला जो कि भगवान शिव के विशेष रूप को दर्शाता है और अभिषेक का अर्थ होता है विभिन्न सामग्रियों से स्नान कराना। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार प्रभु श्रीराम, माता सीता की खोज के लिए लंका रवाना हुए थे तब उन्होंने रामेश्वरम में शिवलिंग की स्थापना कर भगवान शिव के आशीर्वाद के लिए रुद्राभिषेक किया था। इससे वह अपने कार्य में सिद्ध हुए थे। इसके माध्यम से भगवान शिव की पूजा की जाती है। यह अत्यंत प्रभावशाली है जिससे भगवान प्रसन्न होते हैं और मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। यह पूजा पूरी तरह भगवान शिव को समर्पित है। इसका आध्यात्मिक महत्व है। रुद्राभिषेक पूजा पूरे वर्ष किसी भी महीने में कराई जा सकती है लेकिन श्रावण का महीना सर्वश्रेष्ठ माना गया है क्योंकि इस महीने में भगवान की विशेष कृपा बनी रहती है। रुद्राभिषेक पूजा की अलग विधि है। इसके लिए शिवलिंग की जरूरत होती है या फिर मंदिर में जाकर भी रुद्राभिषेक कर सकते हैं। सबसे पहले प्रथम पूजनीय श्री गणेश भगवान की पूजा होती है। उसके बाद शिवलिंग पर गंगाजल डालकर उनका विधिवत स्थान होता है। गन्ने का रस, दूध, दही, जल, पंचामृत आदि से शिवलिंग का अभिषेक किया जा सकता है। इस दौरान महामृत्युंजय मंत्र का भी जाप होता है। शिवलिंग पर चंदन, दीप, धूप, फल, मिठाई, फूल, बेलपत्र आदि चढ़ाए जाते हैं। इससे जीवन में शांति आती है।

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