शिक्षकों ने बैठक कर उठाई मांगें, कार्रवाई की अपील
फोटो- 5 सितंबर एयूआर 25 ना दिवस के रूप में मनाया। बीआरसी कार्यालय, दाउदनगर के समीप एकत्रित होकर उन्होंने अपनी पीड़ा और उपेक्षा

शिक्षक दिवस के अवसर पर दाउदनगर के शिक्षकों ने वेदना दिवस के रूप में मनाया। बीआरसी कार्यालय, दाउदनगर के समीप एकत्रित होकर उन्होंने अपनी पीड़ा और उपेक्षा के विरुद्ध आवाज उठाई। इसका नेतृत्व बिहार राज्य शिक्षक संघ गोप गुट के प्रदेश उपाध्यक्ष बसंत कुमार सिंह ने किया। उन्होंने कहा कि बिहार के लाखों शिक्षक वर्षों से राज्यकर्मी का दर्जा पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, आज भी वेतन निर्धारण और सेवा शर्तों को लेकर अनिश्चितता में हैं। विशिष्ट शिक्षक, जिन्होंने योग्यता परीक्षा उत्तीर्ण की है, आठ महीने बीत जाने के बाद भी वेतन निर्धारण से वंचित हैं। उन्हें पूर्व की तुलना में सात से आठ हजार रुपये कम वेतन मिल रहा है, जिससे उनका पारिवारिक बजट बिगड़ गया है।
कई शिक्षक ऋण की किस्त तक समय पर नहीं चुका पा रहे हैं और कर्ज के बोझ तले दबते जा रहे हैं। जिले में 143 शिक्षकों की सेवा पुस्तिका दो माह से कार्यालय में जमा है, लेकिन जिला कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा उस पर हस्ताक्षर नहीं किया गया है। संघ के महासचिव कुमार सुमन ने कहा कि शासन की असंवेदनशीलता और अधिकारियों की चाटुकारिता ने शिक्षकों को हाशिए पर ला दिया है। कार्यक्रम में संघ के सचिव रोहित कुमार, कोषाध्यक्ष विकास कुमार, उपाध्यक्ष लवकिशोर प्रसाद, प्रवीण कुमार, संजय कुमार, शैलेंद्र कुमार, भीम कुमार, चितरंजन कुमार, प्रमोद सिंह, इंद्रजीत कुमार, रविरंजन कुमार उर्फ बाला जी, सुनील कुमार, अमरेंद्र कुमार, महिला प्रकोष्ठ से उपमा कुमारी, निशि कुमारी, संगीता कुमारी सहित अनेक शिक्षक उपस्थित रहे।
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