
जिले में टैबलेट रजिस्ट्रेशन में पिछड़ रहे कई प्रखंड
संक्षेप: हसपुरा प्रखंड का प्रदर्शन सबसे बेहतर, रफीगंज, गोह और बारुण प्रखंड है सबसे नीचे गोह और बारुण प्रखंड है सबसे नीचे जिले में उपलब्ध कराए गए 4840 टैब में 3956 का हुआ रजिस्ट्रेशन, जो 82
जिले के सरकारी स्कूलों में शिक्षण कार्य को डिजिटल बनाने के लिए दिए गए टैबलेट का रजिस्ट्रेशन अभियान सुस्त गति से चल रहा है। जिला शिक्षा कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, कुल 23 सौ स्कूलों में से 1588 स्कूलों ने टैबलेट रजिस्ट्रेशन पूरा कर लिया है। वहीं 579 स्कूल आंशिक रूप से और 133 स्कूलों ने अब तक प्रक्रिया शुरू ही नहीं की है। कुल 4840 टैबलेट स्कूलों को दिए गए थे, जिनमें से 3956 का ही ई-शिक्षाकोष पर पंजीकरण हो सका है। यानी केवल 82 प्रतिशत टैबलेट ही अब तक दर्ज हो पाए हैं। हसपुरा प्रखंड ने इस अभियान में सबसे बेहतर प्रदर्शन किया है।
यहां कुल 131 स्कूलों में से 120 स्कूलों ने पूरी तरह टैबलेट रजिस्ट्रेशन कर लिया है। प्रखंड को दिए गए 277 टैबलेट में से 264 का पंजीकरण हो चुका है, जो 95 प्रतिशत है। कुटुंबा और दाउदनगर भी 90-90 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन के साथ बेहतर श्रेणी में हैं। रफीगंज, गोह और बारूण प्रखंड सबसे पिछड़े हुए हैं। रफीगंज में 571 टैबलेट दिए गए, जिनमें से केवल 442 का पंजीकरण हुआ है, जो 77 प्रतिशत है। गोह में 423 टैबलेट में से सिर्फ 311 पंजीकरण हुआ है, जो 74 प्रतिशत है, और बारुण में 417 टैबलेट में से केवल 299 पंजीकरण हुआ है, जो 72 प्रतिशत है। इधर मदनपुर, देव, नवीनगर, ओबरा और औरंगाबाद मुख्यालय प्रखंड 81 से 85 प्रतिशत तक के बीच झूल रहे हैं। जिले का कुल औसत 82 प्रतिशत है, जो लक्ष्य से काफी नीचे है। विशेषज्ञ मानते हैं कि डिजिटल शिक्षा को सफल बनाने के लिए सभी प्रखंडों को शत प्रतिशत रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित करना होगा।

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