अफीम तस्करी में झारखंड के तस्कर को 10 साल कैद की हुई सजा
एक लाख रुपए का लगाया गया जुर्माना, पांच किलो नौ सौ ग्राम अफीम हुई थी बरामद त्पाद विभाग केस नंबर 46/21 के अभियुक्त दीपेंद्र कुमार ठाकुर को सजा सुनाई। दीपेंद्र कुमार ठाकुर झारखंड राज्य के
अफीम की तस्करी में दोषी करार दिए गए अभियुक्त को शनिवार को सजा सुनाई गई। औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय में एडीजे-1 सह विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस पंकज मिश्रा ने उत्पाद विभाग केस नंबर 46/21 के अभियुक्त दीपेंद्र कुमार ठाकुर को सजा सुनाई। दीपेंद्र कुमार ठाकुर झारखंड राज्य के पलामू जिला के मनातू थाना क्षेत्र के मिठरा गांव का रहने वाला है। इस संबंध में स्पेशल पीपी परवेज अख्तर ने बताया कि दीपेंद्र कुमार ठाकुर को एनडीपीएस की धारा 18 (बी) में 10 साल कैद की सजा सुनाई गई और एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया। जुर्माना की राशि जमा नहीं करने पर छह महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। सजा सुनाए जाने के क्रम में बचाव पक्ष के वरीय अधिवक्ता कमला प्रसाद सिंह ने अभियुक्त का पक्ष रखा और पहली गलती तथा बच्चों का हवाला देते हुए कम से कम सजा देने का आग्रह किया था। स्पेशल पीपी ने बताया कि तस्कर के पास से पांच किलो नौ सौ ग्राम अफीम बरामद हुई थी जो व्यावसायिक मात्रा थी। स्पेशल पीपी ने बताया कि 9 दिसंबर 2021 को कुटुंबा प्रखंड के एरका चेक पोस्ट पर मद्य निषेध विभाग के पुलिस पदाधिकारी हैदर अली गाड़ियों की जांच कर रहे थे। अरविंद बस की तलाशी के दौरान दीपेंद्र कुमार ठाकुर के पिट्ठू बैग से पांच किलो नौ सौ ग्राम अफीम बरामद हुई। पूछताछ में उसने पुलिस को बताया कि राकेश कुमार नाम के तस्कर ने चार हजार रुपए देकर इस अफीम को औरंगाबाद पहुंचाने को कहा था। राकेश कुमार भी बस में सवार था लेकिन वह भाग निकला। स्पेशल पीपी ने बताया कि राकेश कुमार का वाद पृथक कर चलाया जा रहा है और वह न्यायालय में हाजिर नहीं हुआ है। अभियोजन की ओर से कुछ सात लोगों की गवाही हुई थी। बताया कि घटना की तिथि से ही अभियुक्त जेल में बंद है। उसने पटना हाई कोर्ट में भी जमानत याचिका दाखिल की थी जिसे रद्द कर दिया गया था।
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