आहर-पईन और नलकूपों से खेतों तक पहुंच रहा पानी
बारिश का पानी अधिक से अधिक संग्रहित कराने के लिए हो रही पहल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल लल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल लल ल ल ल ल

जिले में हर खेत सिंचाई योजना और जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत किसानों को पानी उपलब्ध कराने के लिए व्यापक पैमाने पर काम किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 162 योजनाओं पर काम चल रहा है जिसमें 153 योजनाएं हर खेत सिंचाई और नौ योजना जल-जीवन-हरियाली से जुड़ी है। अब तक 60 योजनाएं पूरी हो चुकी हैं। इसके तहत आहार और पईन का जीर्णोद्धार किया जा रहा है, जिसमें आहार के तल से मिट्टी निकालकर किनारों को मजबूत बनाया जा रहा है ताकि बारिश का अधिक से अधिक पानी संग्रहित किया जा सके। खेती के समय आउटलेट खोलने पर पानी आसानी से खेतों तक पहुंच सके।
रफीगंज, औरंगाबाद सदर, गोह, देव, बारून, ओबरा, दाउदनगर और हसपुरा प्रखंडों में योजनाओं का काम पूरा हो चुका है, जिससे करीब 27468 हेक्टेयर भूमि सिंचित की जा रही है। लघु सिंचाई योजना के तहत निजी नलकूप लगाने पर भी सरकार जोर दे रही है। विभाग की ओर से कुल 1814 आवेदन स्वीकृत किए गए, जिनमें 1344 किसानों ने बोरिंग करवा ली है और 1317 किसानों को अनुदान की राशि भी दे दी गई है। कार्यपालक अभियंता अशोक कुमार ने बताया कि नलकूप बोरिंग के लिए अधिकतम 70 मीटर गहराई तक राशि दी जाती है। सामान्य वर्ग को 600 रुपये प्रति मीटर, अति पिछड़ा और पिछड़ा वर्ग को 840 रुपये प्रति मीटर तथा अनुसूचित जाति और जनजाति को 960 रुपये प्रति मीटर की दर से राशि उपलब्ध कराई जाती है। सबमर्सिबल पंप लगाने पर भी अनुदान दिया जा रहा है। दो हार्स पावर के पंप के लिए सामान्य वर्ग को दस हजार रुपये, पिछड़ा वर्ग को चौदह हजार रुपये और एससी-एसटी वर्ग को सोलह हजार रुपये मिलते हैं। तीन हार्स पावर के पंप के लिए सामान्य वर्ग को बारह हजार पांच सौ, पिछड़ा वर्ग को सत्रह हजार पांच सौ और एससी-एसटी वर्ग को बीस हजार रुपये दिए जा रहे हैं। पांच हार्स पावर के पंप पर सामान्य वर्ग को पंद्रह हजार, पिछड़ा वर्ग को इक्कीस हजार और एससी-एसटी वर्ग को चौबीस हजार रुपये की राशि दी जाती है। इंजीनियर अशोक कुमार ने कहा कि इन योजनाओं से वैसे इलाकों में भी सिंचाई की सुविधा मुहैया कराई जा रही है जहां नहरों का पानी नहीं पहुंच पाता। इससे गरीब और मध्यम वर्गीय किसानों को बड़ी राहत मिली है और अब वे सिंचाई के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं हैं।
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