
सिविल सर्जन कार्यालय के समक्ष स्वास्थ्य कर्मियों ने किया प्रदर्शन
संक्षेप: 10 सूत्री मांगों को लेकर गांधी मैदान से निकाला आक्रोश मार्च तिनिधि भी शामिल हुए। यह आंदोलन बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के राज्य सामान्य परिषद के
सैकड़ों आशा कार्यकर्ताओं और स्वास्थ्य सेवा से जुड़े कर्मियों ने मंगलवार को 10 सूत्री मांगों के समर्थन में सदर अस्पताल स्थित सिविल सर्जन कार्यालय, औरंगाबाद के समक्ष प्रदर्शन किया। इससे पहले उन्होंने गांधी मैदान से मुख्य बाजार होते हुए सदर अस्पताल तक आक्रोश मार्च निकाला। प्रदर्शन के दौरान बिहार सरकार और स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ नारेबाजी भी की गई। जुलूस में भाकपा माले समेत कुछ राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। यह आंदोलन बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के राज्य सामान्य परिषद के निर्णय के तहत किया गया। संयुक्त मंत्री संजय कुमार सिंह ने कहा कि पिछले वर्ष 22 जुलाई से 3 सितंबर 2024 तक एनएचएम कर्मियों के कार्य बहिष्कार अवधि का वेतन और अवकाश समायोजित किया जाए।

जिला स्तरीय संवर्ग का राज्य स्तरीय संवर्ग में किया गया परिवर्तन वापस लिया जाए और सभी संवर्ग के कर्मियों को सामान्य विभाग की तरह पदोन्नति का लाभ मिले। उन्होंने एएनएम व जीएनएम स्टाफ नर्स के लिए एमएसपी और सेवांत लाभ देने से पहले स्वच्छता प्रमाण पत्र की अनिवार्यता समाप्त करने, अनुकंपा नियुक्त प्रखंड प्रसार प्रशिक्षकों की पदोन्नति बहाल करने के आदेश रद्द करने, 10 वर्ष से अधिक संविदा पर कार्यरत कर्मियों को बिना परीक्षा स्थायी करने और आउटसोर्स कर्मियों को सम्मानजनक वेतन देने की मांग की। कर्मियों ने यह भी कहा कि श्रम विभाग की गाइडलाइन के अनुसार कार्य लिया जाए और उपादान भुगतान अधिनियम के तहत सभी लाभ दिए जाएं। प्रदर्शन में विनीता देवी, सोनी देवी, ममता कुमारी, लालमुनि कुमारी, मुन्नी देवी, सुनीता देवी, कौशल्या देवी, रीना देवी समेत बड़ी संख्या में स्वास्थ्य कर्मी मौजूद रहे।

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