बैगलेस-डे ! बच्चों ने की एकल और संयुक्त परिवार पर परिचर्चा
कुटुंबा स्कूल में आयोजित हुआ कार्यक्रम, छात्रों के दोनों परिवारों के बारे में रखे अपने-अपने...

कुटुंबा मिडिल स्कूल में शनिवार को बैगलेस-डे आयोजन हुआ। इस दौरान छात्रों के बीच एकल और संयुक्त परिवार पर परिचर्चा आयोजित की गई। हेडमास्टर चंद्रशेखर प्रसाद साहू व अन्य शिक्षकों की देखरेख में यह आयोजन हुआ। छात्र अभिषेक, भरत, शंकर, नीरज, अनामिका, बिलकिस आदि ने एकल परिवार पर और अस्मिता, कोमल, निभा, रागिनी, रजनीकांत, जूही आदि ने संयुक्त परिवार पर अपनी-अपनी राय रखी। एकल परिवार की चर्चा करते हुए छात्रों ने कहा कि इसमें सदस्यों की संख्या कम होती है। बच्चों का भरण-पोषण इस परिवार में बेहतर तरीके से होता है। लड़ाई-झगड़े और आपसी वैमनस्य की संभावना कम होती है। संयुक्त परिवार के संदर्भ में छात्रों ने बताया कि इस परिवार का आकार बड़ा होता है। इसमें सदस्यों की संख्या अधिक होती है और इसकी प्रकृति बेहद जटिल होती है। इस परिवार में बच्चों का पालन-पोषण और उनकी शिक्षा-दीक्षा उचित तरीके से नहीं हो पाती है। कई छात्रों ने संयुक्त परिवार को भारतवर्ष की परंपरागत पारिवारिक तथा बताते हुए कहा कि इस परिवार में बच्चों की देखभाल अच्छी तरह होती है। बच्चों को प्रेम, सुरक्षा के साथ नैतिक शिक्षा भी मिलती है। परिवार में बच्चों में सहयोग, समन्वय, आदर, सामूहिकता आदि गुणों का विकास होता है। इस मौके पर कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की वार्डेन निशा कुमारी, रीता कुमारी, पूनम उपाध्याय, संगीता कुमारी, अहमद रजा, विमल चौहान आदि थे।
