
प्रशांत किशोर खुद को महादेव समझते हैं? बेटी शांभवी पर सवाल से भड़के अशोक चौधरी बोले- छोड़ूंगा नहीं
संक्षेप: नीतीश सरकार में मंत्री एवं जेडीयू नेता अशोक चौधरी ने अपनी सासंद बेटी शांभवी के लोकसभा टिकट को लेकर सवाल उठाए जाने पर प्रशांत किशोर का पलटवार किया है। उन्होंने पीके को चेतावनी दी है कि वह उन्हें छोड़ेंगे नहीं, माफी मंगवाकर रहेंगे।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी जेडीयू मंत्री अशोक चौधरी ने जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर पर तीखा पलटवार किया है। उन्होंने अपनी बेटी शांभवी चौधरी का लोकसभा टिकट खरीदने के आरोपों को खारिज किया। साथ ही कहा कि पीके के पास कोई सबूत है क्या, वे खुद को महादेव समझते हैं। उन्हें छोड़ेंगे नहीं, चाहे सुप्रीम कोर्ट तक जाना पड़े। मंत्री ने कहा कि दलित होने के कारण उनसे ये सब सवाल किए जा रहे हैं। वह प्रशांत किशोर से डरने वाले नहीं हैं।
एएनआई के पॉडकास्ट में जेडीयू का दलित चेहरा अशोक चौधरी ने प्रशांत किशोर के आरोपों का खुलकर पलटवार किया। उन्होंने कहा, "शांभवी चौधरी वोट से जीतकर आई है। लोकसभा चुनाव में उन्हें दूसरे सबसे ज्यादा वोट मिले। वह दिल्ली स्कूल ऑफ इकॉनॉमिक्स से पोस्ट ग्रेजुएट हैं। चौधरी ने कहा कि उन्होंने (प्रशांत किशोर) हमारे साथ काम किया। हमारे साथ मतभेद है। इसका मतलब यह नहीं कि मेरी बेटी को टारगेट किया जाए।
अशोक चौधरी ने आगे कहा कि वह प्रशांत किशोर को छोड़ेंगे नहीं। उन्हें सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी होगी। उन्होंने कहा, “वह (पीके) सार्वजनिक रूप से कह रहे हैं- किनसे उलझे हैं। क्या वह (पीके) खुद को महादेव समझते हैं? क्या उनके पास सुपरपावर है। उन्हें किसी का जीवन बर्बाद करने का अधिकार है? प्रशांत किशोर कौन है। वह एक अस्पताल में नौकरी करते थे। फिर भगवान की दया से राजनीतिक दलों के साथ पॉलिटिकल मैनेजर का काम करने लगे और खूब पैसा कमाया। इसके अलावा उनकी क्या उपलब्धि है यह बताएं।”
बता दें कि मंत्री अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी समस्तीपुर से चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास) की सांसद हैं। प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया था कि अशोक चौधरी खुद जेडीयू से हैं और उन्होंने अपनी बेटी का टिकट दूसरी पार्टी में पैसे देकर खरीदा था। पूरे बिहार में यह चर्चा है। इन आरोपों के बाद अशोक चौधरी ने उनके खिलाफ अदालत में जाने की बात कही थी। इस पर पलटवार करते हुए पीके ने कहा था कि चौधरी को पता नहीं है वे किससे उलझ रहे हैं।





