महिला सशक्तिकरण की दिशा में महिला संवाद कार्यक्रम बेहद महत्वपूर्ण
महिला संवाद कार्यक्रम ने अररिया में 28 दिन पूरे कर लिए हैं। यह कार्यक्रम महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। कार्यक्रम के तहत महिलाएं अपनी समस्याएं साझा कर रही हैं, जिसमें चिकित्सा...

जीविका ग्राम संगठन का अपना हो भवन, बैठक में होगी सुविधा महिला संवाद का 28 दिन पूरा, जारी है कार्यक्रम अररिया, संवाददाता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का उच्च प्राथमिकता वाला महिला संवाद कार्यक्रम जिले में भी निर्धारित योजना अनुसार संचालित हो रहा है। गुरुवार को महिला संवाद कार्यक्रम ने अपना 28वां दिन पूरा कर लिया। जिला जीविका और प्रशासन इसे महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बेहद महत्वपूर्ण कार्यक्रम मानता है। साथ ही दावा किया जा रहा है कि प्रतिदिन हर प्रखंड में दो पालियों में कुल 36 जगह आयोजित इस कार्यक्रम को सफलता मिल रही है। क्योंकि विशेष रूप से महिलाएं बड़ी संख्या में शरीक हो कर अपनी बात भी रख रही हैं।
दी गई जानकारी के मुताबिक 18 संवाद रथ जिले के अलग अलग पंचायतों में लगातार भ्रमण कर सरकारी योजनाओं की विस्तृत जानकारी महिलाओं को दे रहे हैं। इसके लिए लिफलेट आदि तो वितरित किया ही जाता है। साथ ही रथ में लगे ऑडियो विजुअल उपकरणों का इस्तेमाल भी किया जाता है। महिला संवाद कार्यक्रम के दौरान सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की ओर से महिला सशक्तिकरण पर, ग्रामीण विकास विभाग की ओर से जीविका की सफलता की कहानियों पर आधारित लघु फिल्म का प्रदर्शन होता है। तीसरा वीडियो बिहार की विकास यात्रा से संबंधित है। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित महिलाओं से गांव और समाज के विकास और बेहतरी को लेकर उनकी आकांक्षाओं को जानने का प्रयास होता है। महिलाओं के सुझाव को गंभीरता से संधारित किया जाता है। ताकि समस्याओं का समाधान हो सके और विकास की नीति बनाई जा सके। बताया गया कि गुरुवार को ऐसे ही एक महिला संवाद कार्यक्रम के दौरान कुर्साकांटा प्रखंड की मनोरथ देवी ने कहा कि अस्पतालों में एंबुलेंस और बेहतर चिकित्सा सुविधा जरूरी है। उन्होंने कहा कि उनके यहां अस्पताल में चिकित्सा सुविधा की कमी है। जिसकी वजह से मरीजों का सही से इलाज नहीं हो पाता है। ऐसे में मरीज को बेहतर इलाज के लिए अररिया या आस पास के किसी अस्पताल में ले जाने के लिए एंबुलेंस की सुविधा नहीं होने से कई बार मरीज अस्पताल भी नहीं पहुंच पाते हैं। रास्ते में ही उनकी मौत हो जाती है। इसलिए सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए। वहीं, सुनीता देवी का कहना था कि रोजी रोजगार बहुत ब़ड़ी समस्या है। रोजगार सृजन पर सरकार को ध्यान देना चाहिए। ताकि इलाके के लोगों को राहत मिल सके। वहीं, कुछ जीविका दीदियों ने कहा कि घर ग्राम संगठन के पास अपना जीविका भवन होना चाहिए। जीविका भवन नहीं होने से बैठक करने काफी दिक्कत होती है। ग्राम संगठन भाड़े के मकान में चलाना पड़ता है। स्थाई जगह नहीं होने की वजह से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए सरकार को इर ओर ध्यान देना चाहिए।
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