बेमौसम बारिश ने मचायी तबाही, किसानों को भारी नुकसान
भरगामा । निज संवाददाता बेमौसम भारी मूसलाधार बारिश से प्रखंड क्षेत्र में धान...
भरगामा । निज संवाददाता
बेमौसम भारी मूसलाधार बारिश से प्रखंड क्षेत्र में धान उत्पादक किसानों को काफी नुकसान हुआ है। अब बारिश का दौर थमने बाद खेतों में कटी हुई रखी धान की डूबी फसल को बचाने में किसान जुटें हैं। फसल के बोझा को उठाकर धूप मेंसुखाने को वे अथक मेहनत कर रहे हैं। हालांकि अब भी प्रखंड क्षेत्र अन्तर्गत हजारों एकड़ में लगी धान की फसल डूबी हुई है। सरकारी स्तर पर नुकसान का अबतक सर्वे शुरू नहीं होने से किसान चिंतित हैं। रामपुर के किसान दिलीप सिंह, बंटी सिंह, पैकपार के बैजू मंडल आदि ने बताया इस बार मौसम अनुकूल रहने के चलते अन्य वर्षों की अपेक्षा बेहतर उत्पादन की आस थी। खेत मेंधान की फसल देख मन गदगद हो जाता था लेकिन प्रकृति के कोप ने सब बर्बाद कर दिया। रात-दिन अथक परिश्रम कर अगतिया धान फसल को किसानों ने पकाया। कटाई और ढुलाई का कार्य चल रहा था परंतु चार दिनों तक लगातार हुई वर्षा ने किसानों को ऐसा जोर का झटका दिया कि किसानों के सपने पानी-पानी हो गये। अब ऐसा लगता है कि अनाज का एक दाना भी घर के डेहरी तक नहीं पहुंच पाएगा। किसानों ने बताया खड़ी धान की फसल गिर गई और कटी फसल पानी में डूब गई। उसमें अंकुर फूटने से धान सड़ने लगी है। गिरे धान में 20 से 30 प्रतिशत जबकि डूबी धान फसल में 60 प्रतिशत तक नुकसान की संभावना कृषि के जानकारों ने जतायी है। हालांकि किसान अधिक नुकसान बता रहे हैं। इधर मौसम साफ होने केे साथ ही किसान अपनी मेहनत की कमाई बचाने मेंजुट गये हैं। कुशमौल गांव के किसान नुनूलाल यादव का कहना है कि खेतों से पानी जल्द न सूखा तो पूरी धान फसल सड़ जाएगी। शंकरपुर के किसान मो. सद्दाम, आशीष सिंह ने बताया कि भारी वर्षा से खेतों में जलजमाव हो गया है। इससे गेहूूं, सरसों, मकई और सूर्यमुखी फसल की खेती में अब देरी होगी। इधर प्रखंड कृषि पदाधिकारी राजेश्वर प्रसाद ने बताया कि बारिश से धान फसल को नुकसान हुआ है। सर्वे के लिए किसान सलाहकार को आदेश दिया गया है।