दो बीईओ में क्षेत्राधिकार को लेकर बढ़ी तकरार
शिक्षा विभाग में आये दिन कुछ न कुछ ऐसे कारनामें सामने आ ही जाते हैं जो सुर्खियां तो बनती है। आलम ये है कि एक बीईओ दूसरे बीईओ को जेल भेजने की धमकी देते हैं और विभाग जांच करने की बात कहकर अपना पल्ला...
शिक्षा विभाग में आये दिन कुछ न कुछ ऐसे कारनामें सामने आ ही जाते हैं जो सुर्खियां तो बनती है। आलम ये है कि एक बीईओ दूसरे बीईओ को जेल भेजने की धमकी देते हैं और विभाग जांच करने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। दरअसल अररिया प्रखंड की बीईओ दीपा रानी ने रानीगंज प्रखंड के बीईओ कामरेन्द्र कुमार कामेश पर जेल भेजवाने की धमकी देने के साथ ही अररिया प्रखंड के स्कूल का जांच कर सीआरसीसी से स्पष्टीकरण पूछने का आरोप लगाई है। इस बाबत अररिया बीईओ दीपा रानी ने डीईओ को आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की है। जिला शिक्षा पदाधिकारी से की गई शिकायत में अररिया बीईओ ने कहा है कि 22 जून को वह आकस्मिक अवकाश लेकर निदेशक प्राथमिक शिक्षा बिहार से मिलने पटना गई थी। उसी दिन रानीगंज प्रखंड के बीडीओ द्वारा उनके क्षेत्राधीन प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय हड़ियाबाड़ा में जांच की। जबकि डीईओ ने 14 मार्च व 18 मार्च को रानीगंज प्रखंड के यूएमएस हड़ियाबाड़ा की जांच कर तीन दिन के अंदर जांच प्रतिवेदन मांगा था। लेकिन रानीगंज बीईओ ने तीन माह बाद जांच की। अररिया बीईओ ने आरोप लगाया है कि जांच के क्रम में उन्होंने उसे व अन्य लोगों को जेल भिजवाने की धमकी दी। इतना ही नहीं उन्होंने सीआरसीसी से स्पष्टीकरण भी पूछा। वह भी 17 पृष्ठों के अनुलग्नक के साथ जिसमें मनमाने तरीके से प्रश्न पूछे गए। उन्होंने कहा कि जब वह इस प्रखंड में कार्यरत हैं तो दूसरे प्रखंड के शिक्षा पदाधिकारी किस हैसियत से उनके प्रखंड के शिक्षकों से स्पष्टीकरण पूछ सकते हंै। ऐसे में उनके प्रखंड में अराजकता की स्थिति पैदा होगी और उनकी छवि भी धूमिल होगी। अररिया प्रखंड की बीईओ ने जिला शिक्षा पदाधिकारी से इस मामले को गंभीरता से लेते हुए रानीगंज प्रखंड के बीईओ पर कार्रवाई करने की मांग की है।
बोले अधिकारी: आवेदन मिला है। पूरे मामले की जांच होगी। जांच के बाद जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। -अशोक कुमार मिश्रा, डीईओ अररिया।