जिले में भीषण गर्मी के राहत नहीं, लोग परेशान
अररिया, निज प्रतिनिधि अररिया जिला पिछले कई दिनों से भीषण गर्मी की चपेट में...

अररिया, निज प्रतिनिधि
अररिया जिला पिछले कई दिनों से भीषण गर्मी की चपेट में है। चिलचिलाती धूप और उमस भरी गर्मी यहां लोगों के लिये आफत बन गयी है। सुबह के वक्त निकली तेज धूप दिन भर लोगों को अपनी तपिश में तपाती रहती है। करीब शाम चार बजे के बाद ही धूप की तपिश कम होने के बाद लोगों को थोड़ी राहत मिलती है, हालांकि इस बीच भी उमस लोगों का पीछा नहीं छोड़ती। यह स्थिति पिछले कई दिनों से बनी है। हालांकि बीच-बीच में हल्की बूंदा-बांदी होने के बाद तापमान का पारा लुढ़कने भीषण गर्मी से थोड़ी राहत मिलती है मगर कुछ घंटे बाद फिर भीषण गर्मी का कहर बढ़ जाता है। वहीं तापमान के पारा में लगातार-उतार-चढ़ाव जारी है। सोमवार को जिले के अलग-अलग हिस्सों में मामूली बूंदा-बांदी के बाद तापमान का पारा लुढ़क कर अधिकतम पारा 35 डिग्री सेल्सियेस जबकि न्यूनतम पारा 27 डिग्री सेल्सियेस पहुंच गया। बावजूद मौसम में उमस काफी रही। सोमवार को आसमान में बादल छाये रहे। वहीं इससे पूर्व रविवार को जिले का तापमान 37 डिग्री सेल्सियेस दर्ज की गयी थी। इससे पूर्व गुरूवार को जिले का अधिकतम तापमान 37.6 डिग्री व न्यूनतम तापमान 27.6 डिसे दर्ज की गयी थी जबकि बुधवार को जिले का अधिकतम तापमान का पारा 38.11 डिग्री सेल्सियेस था जबकि न्यूनतम पारा 29.35 डिग्री सेल्सियेस था। इसी तरह मंगलवार को जिले का अधिकतम तापमान 38.05 डिग्री सेल्सियेस जबकि न्यूनतम तापमान 28.20 डिग्री सेल्सियेस दर्ज की गयी थी। तापमान के पारा में भले ही उतार-चढ़ाव जारी है मगर लोगों की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही है। मौसम विभाग के मुताबिक, अगले चार दिनों तक लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिलती नहीं दिख रही है। हालांकि इस बीच आसमान में बादल छाये रहने और हवा चलने से गर्मी थोड़ी राहत जरूर मिलेगी, मगर गर्मी से निजात नहीं मिलेगी।
मौसम के बदले मिजाज से किसान बेहाल:
मौसम के बदले मिजाज ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है। बारिश नहीं होने के चलते किसानों को धान की बुआई में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जब बारिश हो रही थी तो किसानों का बिचरा तैयार नहीं था, अब जब बिचरा तैयार हो गया है तो खेतों में पानी नहीं है। वहीं समृद्ध किसान तो खेतों में पंपसेट के सहारे पानी डालकर धान की बुआई कर रहे हैं, लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर किसानों के समक्ष धान की बुआई के लिये कर्ज ही एक सहारा बना है। वहीं पिछले दिनों आयी बाढ़ के चलते निचले इलाके के खेतों में पानी जमा हो जाने से धान का बिचरा सूख जाने के चलते वहां के किसानों के समक्ष अब नयी समस्या उत्पन्न हो गयी है। वहीं जिन किसानों ने धान की बुआई कर दी है, खेतों में अत्यधिक पानी जमा हो जाने से धान का फसल बर्बाद हो गया। अब वे भी नये सिरे से धान की रोपनी करने के लिये परेशान हैं। अब मौसम विभाग के मुताबिक, जिले में अगले 15 दिनों तक तेज बारिश की संभावना नहीं होने की आशंका व्यक्त की गयी है। ऐसे में कुल मिलाकर कहें तो फिलहाल किसानों की परेशानी कम होने वाला नहीं है।
मौसम में उतार-चढ़ाव से बीमार हो रहे लोग:
पिछले कुछ दिनों से मौसम में जारी उतार चढ़ाव लोगों की सेहत पर भारी पड़ने लगा है। कभी मूसलाधार बारिश तो कभी तेज धूप से लोग मौसमी बीमारियों की गिरफ्त में आने लगे हैं। ज्यादातर लोग सर्दी-खासी व बुखार के शिकार हो रहे हैं। सदर अस्पताल सहित निजी अस्पतालों की ओपीडी ऐसे मरीजों की संख्या काफी बढ़ गयी है। सदर अस्पताल के ओपीडी में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ गयी है। लोग सर्दी, जुकाम व बुखार आदि से पीड़ित होकर अस्पताल पहुंच रहे है।
