सिकटी: बकरा, नूना, घाघी व पहाड़ा नदियों के उफनाने से हर तरफ पानी ही पानी
सिकटी प्रखंड में चार दिनों की लगातार बारिश के कारण बकरा, नूना, घाघी और पहाडा नदियों में बाढ़ आ गई है। इससे किसानों की धान की फसल पूरी तरह डूब गई है, जिससे उन्हें भारी नुकसान का डर है। सभी 14 पंचायतों...
सिकटी। एक संवाददाता नेपाल सहित सिकटी प्रखंड क्षेत्र में लगातार चार दिनों से हो रही बारिश के कारण सिकटी प्रखंड से होकर बहने वाली बकरा, नूना , घाघी व पहाडा नदियों के उफनाने से किसानों के धान की फसल पूरी तरह से डूब गया है। इससे किसानों को धान की फसल बर्बाद होने का डर सताने लगा है। वहीं बाढ़ के कारण सिकटी प्रखंड के सभी 14 पंचायतों के निचले इलाकों में रहने वाले घरों में भी पानी घुस गया है। इससे लोगों में काफी त्राहिमाम की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। खासकर किसानों ने अगता किस्म के धान डूबने से किसान सकते में हैं। इधर दर्जनों जगहों पर सड़क पर दो से तीन फीट पानी का बहाव चल रहा है। कई जगहों पर सड़के ध्वस्त हो गई है। सड़कों पर पानी बहाव के कारण ध्वस्त सड़कों का पता नहीं चल पा रहा है। बीडीओ परवेज आलम, सीओ मनीष कुमार चौधरी ने बताया कि बाढ़ को लेकर जिला प्रशासन द्वारा एलर्ट जारी किया गया था जिस कारण नूना नदी के किनारे बसे ग्रामीणों को जहां पर बाढ़ से सबसे ज्यादा तबाही मचाती है वहां के लोगों को ऊंचे स्थान पर जाने का निर्देश शुक्रवार की रात में हीं दिया गया जो मध्य विद्यालय पडरिया, सहित आदि ऊंचे स्थानों पर रह रहे हैं। बीडीओ और सीओ ने बताया कि बहुत से लोग ऊंचे स्थान पर न जाकर अपने रिश्तेदार के यहां चले गये हैं। अधिकारियों ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा संभावित बाढ़ को लेकर ऐलर्ट जारी करने के बाद से हीं बाढ़ प्रभावित गांव का दौरा कर लोगों को अपने घरों को छोड़कर चिन्हित किये गए ऊंचे स्थानों पर जाने का निर्देश दिया गया है।
सीओ मनीष कुमार चौधरी व बीडीओ परवेज आलम ने बताया कि सिकटी प्रखंड क्षेत्र से होकर बहने वाली बकरा, नूना व घाघी नदी उफनाने से सभी 14 पंचायतों के निचले इलाकों में रहने वाले सैकड़ों परिवारों के घरों में पानी घुसने की सूचना मिल रही है। सभी हल्का कर्मचारी को जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है। वहीं बीडीओ परवेज आलम ने बताया कि सभी पंचायतों में बाढ़ से धान की फसल डूबने की सूचना मिल रही है जिससे किसानों काफी चिंतित है। उन्होंने बताया कि प्रखंड कृषि पदाधिकारी व किसान समन्वयक को अपने अपने पंचायतों में जो भी धान की फसल की क्षति पहुंची है उसका रिपोर्ट तैयार कर देने का निर्देश दिया गया है।
बोले किसान:
सिकटी के किसान कृष्णदेव, लालमोहर, विद्यानंद, कालू सहित दर्जनों किसानों ने बताया कि बड़ी पूंजी लगाकर धान फसल की खेती की थी, पिछले दिनों चिलचिलाती धूप व भीषण गर्मी के कारण धान के खेतों में दरार पड़ गया था। धान गमढी पर था। धान के खेत में नमी नहीं रहने के कारण धान फट नहीं पा रहा था, लेकिन विगत चार पांच दिनों से भारी बारिश के कारण सिकटी प्रखंड से होकर बहने वाली सभी नदियां उफना गई जिस कारण गमढ़ी पर धान था घुटराज धान पकने वाला था। सभी धान की फसल पहले सुखाड़ फिर बाढ़ की भेंट चढ़ गयी दिखती है। किसानो ने विभाग व प्रशासन से उचित मुआवजा की मांग की है। किसानों ने बताया कि बाढ़ के कारण मवेशियों को भारी दिक्कत हो रही है।
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