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समय पर रोग की पहचान व समुचित इलाज से कैंसर से बचाव संभव

अररिया/ निज प्रतिनिधि विश्व कैंसर दिवस पर सदर अस्पताल में छह दिवसीय नि:शुल्क रोग...

समय पर रोग की पहचान व समुचित इलाज से कैंसर से बचाव संभव
हिन्दुस्तान टीम,अररियाThu, 04 Feb 2021 11:43 PM
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अररिया/ निज प्रतिनिधि

विश्व कैंसर दिवस पर सदर अस्पताल में छह दिवसीय नि:शुल्क रोग परामर्श शिविर आयोजित की गयी। शिविर में चिकित्सकों द्वारा लोगों को कैंसर के कारण, लक्षण व उपचार के तौर-तरीके से अवगत कराया गया। कैंसर रोग की गंभीरता से लोगों को अवगत कराते हुए कैंसर से जुड़ी विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी गयी। चार से दस फरवरी तक चलने वाले इस शिविर में कैंसर रोग की स्क्रीनिंग के साथ ब्रेस्ट व मुंह के कैंसर आदि बीमारियों के संभावित कारणों व बचाव के प्रति जागरूक किया जाएगा। मौके पर डा. डीएनपी साह ने बताया कि कैंसर के कई चरण हैं। इसका पहला चरण सांकेतिक होता है। रोग के लक्षण इस चरण में उजागर हो चुके हैं कि दूसरे चरण में बीमारी शरीर में अपनी जड़ जमा चुका होता है। तीसरे व चौथे चरण में यह रोग गंभीर रूप धारण कर चुका होता है। कैंसर से होने वाली अधिकांश मौत का कारण प्रारंभिक चरण में रोग की पहचान नहीं हो पाना हैे। पहले स्टेज में ही रोग की पहचान करते हुए इसका तत्काल ईलाज आरंभ करने के लिये लोगों को प्रेरित किया जाएगा। शिविर में डा. जितेन्द्र प्रसाद, डा. राजेश कुमार, डा. राजेन्द्र कुमार, डा. अनामिका, अस्पताल प्रबंधक विकास आनंद, केयर के बीएम नीतीश कुमार, जीएनएम तृष्णा चक्त्रवती, सुनील कुमार, मो. रिजवान, मुकेश कुमार आदि थे।

शुरुआती दौर में रोग की पहचान जरूरी: चिकित्सकों का मानना है कि प्रारंभिक चरण में रोग की पहचान इसके उपचार को आसान बनाता है। शुरुआत में मुंह के अंदर किसी तरह के फोड़ा व जख्म का नहीं भरना, बलगम, पेशाब मार्ग से खून आना आदि के साथ शरीर में किसी तरह तिल या गांठ का अप्रत्याशित रूप से बढ़ना, मुंह या जीभ पर सफेद दाग का आना कैंसर रोग के लक्षण हो सकते है। ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य संस्थानों में पहुंचकर जांच कराना चाहिए।

बिहार में हर साल मिल रहे करीब एक लाख मरीज: देश में केरल, मिजोरम, हरियाणा, गोवा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश जैसे राज्य कैंसर से सर्वाधिक प्रभावित है। डीपीएम रेहान अशरफ ने बताया कि 2020 में कैंसर रोग पर हुए एक सर्वे के मुताबिक, देश की प्रति एक लाख आबादी पर 94 व्यक्ति कैंसर रोग से ग्रसित हैें। प्रत्येक 68 व्यक्ति में से एक व्यक्ति मुंह के कैंसर से प्रभावित हैें वहीं 29 महिलाओं में एक ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित हैं। बतायाा कि बिहार हर साल कैंसर के एक लाख केस सामने आ रहे हैं। इसमें से आधे लोग हर साल असमय मौत के शिकार हो जाते हैं। बिहार में अधिकांश मुंह के कैंसर के मामले तंबाकू व धूम्रपान से सामने आ रहा है, जबकि महिलाओं से सबसे अधिक ब्रेस्ट कैंसर की शिकायत मिल रही है। सूबे में आईजीआईएमएस, महावीर कैंसर रोग संस्थान व एम्स समेत कई प्रसिद्ध संस्थान हैं जहां कैंसर रोग के समुचित उपचार की व्यवस्था है।

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