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नरपतगंज: बाढ़ के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ी परेशानी

नरपतगंज प्रखंड क्षेत्र में नदियों के जलस्तर में हो रही लगातार गिरावट से जहां लोगों को कुछ राहत मिली है। वहीं दूसरी ओर निचले ग्रामीण इलाकों में पानी के कहर के कारण लोगों का जीना मुहाल हो गया है। पानी...

नरपतगंज: बाढ़ के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ी परेशानी
हिन्दुस्तान टीम,अररियाMon, 27 Jul 2020 03:52 AM
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नरपतगंज प्रखंड क्षेत्र में नदियों के जलस्तर में हो रही लगातार गिरावट से जहां लोगों को कुछ राहत मिली है। वहीं दूसरी ओर निचले ग्रामीण इलाकों में पानी के कहर के कारण लोगों का जीना मुहाल हो गया है। पानी के सडांध के कारण अब लोगों को महामारी की आशंका सताने लगी है। बाढ़ के पानी के एक माह बीत जाने के बाद भी अब तक कई जगहों पर मेडिकल टीम नहीं पहुंची है। जो लोग टापूनुमा बस्तियों में रह रहे हैं, उन्हें मुख्यालय पहुंचने में काफी परेशानी हो रही है। नरपतगंज के फरही पंचायत के कुंडीलपुर गांव में करीब तीन हजार की संख्या में लोग इस कदर पानी के बीच फंसे हुए हैं कि लोगों को एक बार घर से बाहर निकलने के लिए भारी मशक्कत उठानी पड़ रही है। गांव के चारों ओर कमर भर से ज्यादा पानी लगा हुआ है और कीचड़ के कारण घर से निकलना दूभर हो गया है। गांव में अधिकतर महादलित आबादी रहती हैं। इस गांव में जाने वाली मुख्य बरियारपुर नहर तीन से चार जगहों पर कटी हुई है। उन जगहों पर कमर भर से ज्यादा पानी है। गांव में ना स्वास्थ्य की व्यवस्था है ना पक्की सड़क है। बस्तियों में आलम यह गया है कि लोगों को अपने घर के आगे पेड़ के तने काटकर लगाया हुआ है। जिसके सहारे वे लोग घर से बाहर निकल पाते हैं। इन लोगों को शुद्ध पानी भी नसीब नहीं हो पा रहा है। पंचायत के पूर्व मुखिया बुलबुल यादव ने बताया कि आजादी के बाद से इस गांव में अभी तक स्वास्थ्य शिक्षा एवं पक्की सड़क की सुविधा लोगों को नहीं मिल सकी है। हर साल पूरे बरसात के सीजन में यह गांव टापू में तब्दील हो जाता है। इस कारण इस क्षेत्र में लोग अब भी बदहाली की हालत में जी रहे हैं। वहीं दूसरी ओर लगातार पानी से घिरे रहने के कारण प्रशासन द्वारा तक राहत नहीं पहुंचाने को लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश पनपने लगा है।

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