कुर्साकांटा में आबादी दो लाख पर एक भी दमकल नहीं, प्रतिवर्ष करोड़ों का होता है नुकसान
कुर्साकांटा प्रखंड में अग्निशामक वाहन की अनुपस्थिति से ग्रामीणों को आगजनी से लाखों का नुकसान हो रहा है। पिछले डेढ़ महीने में आग से करोड़ों की संपत्ति जल चुकी है। स्थानीय लोग प्रशासन की उदासीनता के...

अग्निशमन वाहन नहीं रहने से ग्रामीण इलाकों के लोग रहते हैं सहमे आग की चिंगारी से अग्निपीड़ितों की हो जाती है लाखों की क्षति
जिम्मेदार अधिकारी बने उदासीन, ग्रामीणों में बढ़ रही नाराजगी
कुर्साकांटा, निज प्रतिनिधि
कुर्साकांटा प्रखंड की आबादी करीब दो लाख है। लेकिन यहां एक भी दमकल की व्यवस्था नहीं रहने से अगलगी में प्रतिवर्ष करोड़ों का नुकसान होता है। इस कारण प्रखंड क्षेत्र के लोग हमेशा सहमे रहते हैं। दुखद इस बात कि है कि इसके बावजूद जिम्मेदारों का ध्यान इस ओर नहीं है। इस कारण लोगों में आक्रोश व्याप्त है। लोगों का मानना है कि प्रखंड मुख्यालय में कम से कम एक अग्निशमन वाहन की व्यवस्था रहने से अगलगी से होने वाले नुकसान कम हो सकता है। अग्निशमन वाहन नहीं रहने क्षेत्र में होने वाली आगजनी की घटना के वक्त काफी परेशानी उठानी पड़ती है। स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले डेढ़ माह के अंदर अलग-अलग जगह पर आग लगने से करीब एक करोड़ों की संपत्ति नुकसान हो चुका है। 22 दिसंबर को कपरफोड़ा चौक पर आग लगने से आठ दुकानों से करीब 50 लाख का नुकसान हो चुका है। इसी तरह कमलदाहा वार्ड संख्या तीन में आग लगने से सात घरों से करीब पांच लाख, मेंहदीपुर चौक स्थित गुमटी जलने दो लाख से अधिक जल गया। हरिरा वार्ड संख्या तीन में आग लगने से पांच घर जलने से तीन लाख से अधिक जलने का अनुमान है। वहीं जागीर ईटाही में आग लगने से डेढ़ दर्जन घर जलने से करीब चार लाख रुपये के सामान जलने का अनुमान है। पूर्व उप प्रमुख विजय सिंह, राजद नेता राकेश विश्वास, राजद नेता अजहरुद्दीन ने बताया कि जिला मुख्यालय से दूर दराज ग्रामीण इलाकों में आगजनी की घटना घटित होने पर अग्निशमन वाहन पहुंचने में कम से कम एक से डेढ़ घंटे का समय लग जाता है, तब तक सब कुछ राख हो चुका होता है। प्रखंड मुख्यालय में अग्निशमन वाहन की व्यवस्था नहीं होने के कारण कहीं भी आग लगने के बाद समय पर नहीं पहुंच पाती है। इससे काफी संपत्ति का नुकसान हो जाता है। पूर्व में भी आस पास के गांवों में आगजनी की घटना घटने के बाद वहां अग्निशमन वाहन समय पर नहीं पहुंचने से सब कुछ जलकर राख हो चुका है। ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोग गरीब तथा पूरी आबादी कच्ची झोपड़ियों रहने के कारण यहां आगजनी का खतरा हर पल बना रहता है। अग्निशमन वाहन नहीं रहने से ग्रामीण इलाकों में आग लगने पर सब कुछ रामभरोसे छोड़ने के सिवाय यहां कोई चारा नहीं रहता है। फिलहाल प्रखंड मुख्यालय पर ऐसी व्यवस्था नहीं है कि आग पर तत्काल काबू पाया जा सके। इधर सीओ आलोक कुमार ने बताया कि अग्निशमन वाहन की मांग को वरीय पदाधिकारी से बात कर इसे दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।
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