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किशनगंज: बकरी पालन किसानों के लिए लाभदायक

किशनगंज: बकरी पालन किसानों के लिए लाभदायक

संक्षेप: किशनगंज जिले में बकरी पालन पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हुआ। कार्यक्रम में किसानों और पशुपालकों ने भाग लिया। विशेषज्ञों ने बताया कि बकरी पालन कम लागत में अधिक लाभ देने वाली गतिविधि है,...

Tue, 16 Sep 2025 06:48 PMNewswrap हिन्दुस्तान, अररिया
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किशनगंज जिले की भौगोलिक और जलवायु परिस्थितियां बकरी पालन के लिए अत्यंत अनुकूल किशनगंज। संवाददाता कृषि विज्ञान केंद्र, किशनगंज में मंगलवार को बकरी पालन विषय पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर जिले के विभिन्न प्रखंडों से आए कृषक एवं पशुपालकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्र के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान, डॉ. राजीव सिंह द्वारा किया गया। उन्होंने कहा कि आज के समय में बकरी पालन न केवल पारंपरिक पशुपालन का हिस्सा है बल्कि यह किसानों की आय बढ़ाने और रोजगार के नए अवसर सृजित करने का एक कारगर माध्यम है। उन्होंने बताया कि बकरी पालन कम लागत में अधिक लाभ देने वाली गतिविधि है, जिससे किसान परिवारों की आजीविका को स्थायी आधार मिल सकता है।

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इस प्रशिक्षण के माध्यम से किसानों को बकरी पालन की उन्नत तकनीकों की जानकारी दी जाएगी, ताकि वे वैज्ञानिक ढंग से इसका संचालन कर सकें और अधिक उत्पादन एवं लाभ प्राप्त कर सकें। कृषि प्रसार, वैज्ञानिक डॉ. अलीमुल इस्लाम ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को बकरी की प्रमुख नस्लों की पहचान, नस्ल सुधार की तकनीकें, संतुलित एवं पौष्टिक आहार व्यवस्था, स्वास्थ्य एवं रोग प्रबंधन, टीकाकरण, साफ-सफाई, बाड़ा निर्माण तथा विपणन से संबंधित आधुनिक तकनीकों की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। साथ ही, उन्हें प्रायोगिक अभ्यास तथा फील्ड विज़िट के माध्यम से व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने का भी अवसर मिलेगा। विशेषज्ञों ने बताया कि किशनगंज जिले की भौगोलिक और जलवायु परिस्थितियां बकरी पालन के लिए अत्यंत अनुकूल हैं। यदि किसान वैज्ञानिक पद्धति से इसे अपनाएं तो यह उनके लिए आय बढ़ाने के साथ-साथ पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी माध्यम बन सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार एवं कृषि विज्ञान केंद्र लगातार किसानों को प्रशिक्षण एवं तकनीकी सहायता प्रदान कर रहे हैं, ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सके। प्रशिक्षण में शामिल किसानों ने बकरी पालन से जुड़ी अपनी जिज्ञासाएं साझा कीं और विशेषज्ञों से समाधान प्राप्त किया। कई प्रतिभागियों ने बताया कि वे प्रशिक्षण से मिली जानकारी को अपने गांव में जाकर व्यवहारिक रूप से अपनाएँगे, जिससे न केवल उनकी आमदनी बढ़ेगी बल्कि अन्य ग्रामीणों को भी प्रेरणा मिलेगी। यह पाँच दिवसीय प्रशिक्षण आगामी दिनों तक जारी रहेगा, जिसमें क्रमवार विभिन्न विषयों पर व्याख्यान, प्रायोगिक कक्षाएं तथा भ्रमण कार्यक्रम आयोजित किए जाएँगे। अंत में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किया जाएगा। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में केंद्र के कर्मचारी राहुल कुमार एवं निकुंज कुमार भी उपस्थित रहे।