अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर अवस्थित जोगबनी स्टेशन सुनसान
कभी रेलवे स्टेशन, स्टेशन रोड, बोर्डर पर भीड़ भाड़ जाम का नजारा बना रहता था। दिल्ली जोगबनी सीमांचल एक्सप्रेस, जोगबनी कोलकता चितपुर एक्सप्रेस से लोग आते जाते थे। इसके अलावा आधा दर्जन पेसैंजर की आवाजाही...
कभी रेलवे स्टेशन, स्टेशन रोड, बोर्डर पर भीड़ भाड़ जाम का नजारा बना रहता था। दिल्ली जोगबनी सीमांचल एक्सप्रेस, जोगबनी कोलकता चितपुर एक्सप्रेस से लोग आते जाते थे। इसके अलावा आधा दर्जन पेसैंजर की आवाजाही होती थी, लेकिन पिछले लगभग चार माह से ये इलाका सुनसान है। यूं कहें की यहां कर्फ्यू जैसे माहौल है। अभी यहां एक्के-दुक्के लोग ही नज़र आते हंै। रेल थाना में भी जितने पुलिसकर्मी थे उसमें कुछ को अन्य जगह भेजा गया। आरपीएफ आफिस , पार्सल आफिस , माल गोदाम , आरक्षण केन्द्र , रनिंग रूम सुनसान है। रेलकर्मी समय काट रहे है। प्लेटफार्म तो सुनसान है। प्लेटफार्म पर बेवजह लोग न आए उस उद्देश्य से प्लेटफार्म प्रवेश द्वार सहित अन्य बाहरी रास्ता को बास लगाकर अवरुद्ध किया गया है । रेलवे के दर्जनों कुली किसी तरह समय काट रहे हंै। कुछ लोग अपने घर चले गए तो कुछ महानगर की ओर निकल गए हैं । जो है उनके पास भी रोजी रोटी का समस्या उत्पन्न है। रेलवे प्रांगण स्थित शिव मंदिर दुर्गा मंदिर भी सुनसान है। भगवान के दर्शन के लिए भी लोग नही आ रहे हैं। इस मंदिर में नेपाल के भी श्रद्धालु पहुंचते थे सीमा सील रहने के कारण नेपाल श्रद्धालु भी नहीं पहुंच रहे है। सबसे बुरा हाल पार्किंग का है सीमा सील होने के बाद से ही पार्किंग बंद है सभी कर्मचारी को छुट्टी दे दिया गया। इक्का दुक्का कोई सुबह शाम पहुंच कर इधर उधर देख कर निकल जाते हैं । पार्किंग के ठेकेदार भोला शंकर तिवारी ने बताया जबतक नेपाल सीमा नही खुलता है पार्किंग का यही हाल रहेगा । कारोबार ठप रहने से रहने से इनमें रोजी-रोटी के लाले पड़ गये है। स्टेशन रोड का दुकानदार का कहना है कि अगर सीमा नही खुलता है तो हमलोगों को दूसरा कोई काम खोजना ही पड़ेगा । क्योंकि परिवार का खर्च कहां से चलेगा । स्टेशन की किताब दुकान, चाय नास्ता का दुकान सभी बंद है। कई लोग दूसरे शहर में काम शुरू कर दिया है इनलोगों का कहना है कि दुकानदारी चलेगा तब तो घर खर्ची निकलेगा न।