अररिया के फारबिसगंज में इंडो-नेपाल रेल प्रोजेक्ट के काम पर लगा ग्रहण
फंड के अभाव में बथनाहा-विराटनगर, इंडो-नेपाल रेल प्रोजेक्ट पर ग्रहण लग गया है। भुगतान के अभाव में इरकॉन के मातहत कार्यरत सभी निर्माण एजेंसियों ने हाथ खड़े कर दिए हैं। निर्माण एजेंसी का कहना है कि रेल...
फंड के अभाव में बथनाहा-विराटनगर, इंडो-नेपाल रेल प्रोजेक्ट पर ग्रहण लग गया है। भुगतान के अभाव में इरकॉन के मातहत कार्यरत सभी निर्माण एजेंसियों ने हाथ खड़े कर दिए हैं। निर्माण एजेंसी का कहना है कि रेल मंत्रालय द्वारा राशि की निर्गत नहीं करने की वजह से कार्यरत एजेंसी का भुगतान विगत कई माह से नहीं हो रहा है।
विगत 20 अप्रैल को फारबिसगंज में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस परियोजना की खास चर्चा करते हुए समय सीमा के भीतर इस प्रोजेक्ट को पूरा कराने का भरोसा दिया था। अब इरकॉन के मातहत निर्माण एजेंसियों ने इस बाबत इरकॉन के चेयरमैन नई दिल्ली को पत्र भेजकर फंड के अभाव में कार्य ठप होने तथा भुगतान कराने की गुहार लगाई है। पत्र लिखने वालों में मैसर्स बागमती कंस्ट्रक्शन, सनराइज कंपनी, पीपी मंडल कंस्ट्रक्शन, पीएमडी इंफ्रा प्रोजेक्ट, महालक्ष्मी कंस्ट्रक्शन, शिवशक्ति कंस्ट्रक्शन, मेसर्स विमल दुबे, मेसर्स कन्हैया सिंह, मेसर्स शिव कुमार ,मेसर्स आदित्य, मेसर्स इशानी कंस्ट्रक्शन आदि प्रमुख है । कहते हैं 373 करोड़ रुपये वाली 18.6 किलोमीटर के इस प्रोजेक्ट में आठ किलोमीटर तक बथनाहा से नेपाल कस्टम यार्ड तक बनकर तैयार है। इस बीच तीन-तीन प्लेटफार्म का भी निर्माण हो चुका है।
आठ किलोमीटर से आगे 16.6 किलोमीटर तक लाइन बिछाने के लिए तैयार है। रेल बांध का निर्माण हो चुका है। सभी छोटे—बड़े ब्रिज तैयार हैं मगर उसके बाद फंड के अभाव में यह प्रोजेक्ट को निर्माण एजेंसियों ने फिलहाल करने के लिए के इरकॉन के चेयरमैन से 14 करोड़ से ज्यादा रुपए की मांग की है। इस संबंध में एजेंसी इशानी कंस्ट्रक्शन के सीएमडी राकेश कुमार ने कहा कि फंड के अभाव में न केवल प्रोजेक्ट लटक गया है बल्कि एजेंसी के कर्मचारी भुखमरी के कगार पर है । जबकि 16.6 किलोमीटर तक काम लगभग पूरा हो चुका है।