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नेपाली शहरों में फल सब्जी की बढ़ी कीमतें

नेपाल में आपूर्ति होने वाली भारतीय फल सब्जियों के आयात पर नेपाल सरकार द्वारा रोक लगाए जाने के बाद कारोबारी बेहद परेशान हैं। सीमावर्ती नेपाली शहरों में इन सामानों की कीमतें बढ़ रही है। भारतीय सब्जियों...

नेपाली शहरों में फल सब्जी की बढ़ी कीमतें
हिन्दुस्तान टीम,अररियाFri, 28 Jun 2019 12:51 AM
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नेपाल में आपूर्ति होने वाली भारतीय फल सब्जियों के आयात पर नेपाल सरकार द्वारा रोक लगाए जाने के बाद कारोबारी बेहद परेशान हैं। सीमावर्ती नेपाली शहरों में इन सामानों की कीमतें बढ़ रही है। भारतीय सब्जियों में अधिक मात्रा में कीटनाशक का प्रयोग पाया गया है। यह कहकर आयात पर रोक लगाने से दशकों से फल, फूल, सब्जी व पान पत्ता का कारोबार कर रहे व्यापारी खासे चिंतित हैं। अररिया जिला नेपाल के तीन जिलों मोरंग, सुनसरी और झापा से सटा हुआ है।

मुख्य रूप से जोबगनी के रास्ते मोरंग जिला होते हुए भारतीय सब्जियां, फल आदि नेपाल के अलग अलग जिलों में जाती है। लेकिन अब इस पर संकट छा गया है। जानकारी के अनुसार इन भारतीय सामानों को नेपाल ले जाने के लिए विषाद सर्टिफिकेट (जहरीला या अधिक रासानिक नहीं होने का प्रमाणपत्र) देना होगा। कारोबारी इसलिए भी परेशान हैं कि एक कार्यालय कोरेनटेन ऑफिस जोगबनी में है तो दूसरा कलकत्ता में है। फूड ग्रेड का सर्टिफिकेट लाना अनिवार्य है। नेपाल की ओर से शर्त रखी गयी है कि इसका सर्टिफिकेट नेपाल की राजधानी काठमांडू खाद्यान्न संस्थान से स्वास्थ्य प्रमाण पत्र भी लाना होगा।

नेपाल सरकार के इस फरमान के बाद भारतीय सीमा से सटे मोरंग जिला के बिराटनगर सहित आसपास के शहरों में सब्जी का दाम बढ़ना शुरू हो गया है। इदर्जनों कारोबारियों ने बताया कि कई दशक से इस कारोबार से जुड़े थे, लेकिन अब कारोबार कर पाना मुश्किल है। इससे पूर्व लगभग दो माह पहले भारत के विभिन्न महानगर से आये मछली आयात पर रोक लगा दिया गया था। उसे भी आयात के लिए कलकत्ता से लैब टेस्ट देना जरूरी है।

लैब टेस्ट रिपोर्ट देने के बाद ही भारत के महानगरों से आये मछली नेपाल में आयात कर लाया जा सकेगा। मछली कारोबारी लक्ष्मण महतो ने बताया कि अब यह कारोबार आसान नहीं रहा। कागजी प्रकिया में काफी झंझट है। बता दें कि जोगबनी नाका के रास्ते नेपाल के बिराटनगर, धरान, इटहरी, दुहबी, रंगेली, दमक, इनरवा जैसे दर्जनों शहर में भारत से आयात किये गए मछली, नींबू, आलू, प्याज, कश्मीरी सेव, अंगूर आदि फल व सब्जियां सप्लाई होती है। नेपाल से सटे भारतीय क्षेत्र के सैकड़ों छोटे मोटे किसान जो दैनिक नेपाल में सब्जी बेचते थे उनका कारोबार भी रुक गया है।

सब्जी कारोबारी मोहन भगत, रमेश पासवान, नीलम साहनी, अजगर मिया ने बताया कि हरि सब्जियों का कारोबार इतनी प्रक्रिया के बाद करना सम्भव नहीं है। माल बहुत खराब होगा और नेपाल पहुंचते पहुंचते इसकी कीमत कई गुणा हो जाएगी। इसके कारण सब्जियों की तस्करी खुली सीमा से शुरू हो जाएगी। व्यपारियों का कहना है कि इसको लेकर भारत सरकार को तत्काल को कदम उठाना चाहिए। जोगबनी बॉर्डर से होकर रोजना 5 से 7 ट्रक सब्जियों नेपाल जा रही थीं।

खुली सीमा ने बेरोकटोक हो रही सब्जियों की बिक्री

अररिया के नरपतगंज, कुर्साकांटा और सिकटी प्रखंड की सीमा नेपाल के सुनसरी और झापा जिला से लगती है। इन सीमाई इलाकों में सब्जियों का बहुत उत्पादन होता है। खुली सीमा से अभी भी ये सब्जियों नेपाल जा रही हैं। इसमें खासकर बेला, कुर्साकांटा और सिकटी के रास्ते सब्जियां जा रही हैं। वहीं नेपाल के दीवानगंज, कप्तानगंज और साहबगंज से भारतीय क्षेत्र में सब्जियां आ रही हैं। इसको चेक करना खुली सीमा के कारण सम्भव नहीं है।

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