बारिश नहीं हुई तो 30-35 प्रतिशत कम होगा धान का उत्पादन
भरगामा ( अररिया ) निज संवाददाता एक पखवारे से बारिश किसानो को दगा दे

भरगामा ( अररिया ) निज संवाददाता
एक पखवारे से बारिश किसानो को दगा दे रहे हैं । तीखी धूप के कारण किसान पूरी तरह हलकान है। क्योकि खेतों में लगे अगतिया धान के पौधे पानी के अभाव में पीले पड़ने लगे हैं। वही कड़ी धूप की वजह से खेतों से नमी गायब हो जाने के चलते धान का बिचड़ा भी सूखने लगे हंै । यही नही पानी के अभाव मे विभिन्न प्रकार के खर पतवार तेजी से उगने लगे हैं । इससे किसान परेशान हैंे तथा आसमान की ओर टकटकी लगाये बठे हं । कहते हंै कि धान की अच्छी खेती के लिए यह क्षेत्र मशहूर है । इस इलाके मे अगहनी धान व अन्य प्रजातियो के धान की अच्छी उपज होती है । लेकिन इस बार जुलाई के शुरूआत से ही मानसून के कमजोर पड़ने से धान की रोपनी प्रभावित हो गई है । स्थिति यह है कि किसानों को निजी पंपसेट में महंगे डीजल डालकर करनी पड़ी।
जून में अच्छी बारिश से खुश थे किसान:
हालांकि जून माह में मानसून की सकारात्मक स्थिति देख काफी खुश थे। मानसून के शूरूआती दिनो में बारिश बेहतर होने से किसानो ने बेहतर उत्पादन को लेकर आश्वस्त थे । इसके चलते जून के आखिरी सप्ताह से इस क्षेत्र के किसानो ने खुशी-खुशी खेतों में धान की रोपाई भी की । मगर अब जब फसल को पानी की बेहद जरूरौ आन पडी तो एक बार फिर मौसम ने अपना रूप बदल बदल लिया है । स्थिति अब यह है कि अगतिया घान की फसल वर्षा के अभाव मे सूख रहे हैं । साथ ही वैसे किसान जो अब रौपनी करना चाह रहे । उन्हे पानी के लिए पम्प सेट का सहारा लेना पड रहा है । लिहाजा जुलाई माह में पर्याप्त बारिश नही होने से अच्छी पैदावार को लेकर किसानो में संशय की स्थिति बन गयी है ।
पंप सेट से रोपनी करने की विवशता:
इधर अगतिया धान फसल बचाने के लिए पंप सेटों से सिंचाई की जा रही है। जो डीजल की महंगाई के कारण बेहद महंगी पड़ रही है। अगर इस माह में बारिश नहीं हुई तो धान की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगी। किसानों की उम्मीद अब मौसम पर टिकी हुई है । अगर आसमानी बारिश नही हुई तो किसान बदहाल हो जाएंगे। उत्पादन का लक्ष्य भी 30 से 35 प्रतिशत तक कम हो जाएगा। साथ ही इसका असर अगले रबी फसल की खेती पर भी पड़ेगा।
धान फसल को है पानी की जरूरत:
कृषि कार्य के जानकारो के मुताविक धान की अच्छी पैदावार के लिए पौधे की जड़ों में कम से कम एक इंच पानी का रहना जरूरी है। बारिश नही होने के कारण अब खेतों से गिलापन अब सूख रही है। इससे पौधे का ग्रोथ रुक गया है। इससे धान पौधे पीले पड़ने लगे हैं।
रबी फसल पर पड़ेगा बुरा प्रभाव:
अच्छी बारिश हुई तो पैदावार अच्छी हो सकती है। इसके साथ ही खेतों में नमी रहने से ही आगामी रबी फसलों की खेती समय पर हो सकती है। इस नक्षत्र में अगर बारिश नहीं हुई तो धान का उत्पादन घट जाएगा। वहीं रबी की खेती भी नमी नहीं रहने पर पिछड़ जाएगी।
क्या कहते हैं किसान:
किसान बबलु सिंह , ब्रह्मदेव सिंह , अमर चौहान ने बताया कि आग उगलता सूरज देखकर ऐसा नहीं लग रहा कि यह बरसात का सीजन है । इन लोगो का कहना है कि आकाश से पानी की बूंदे न गिरने से धान की पैदावार प्रभावित हुए बिना नही रहेगी। ऐसी स्थिति में खेती की लागत भी निकल पाना मुश्किल है। उनका यह भी कहना है कि यदि बारिश का यही हाल रहा तो फसल बचाने के के लिए मंहगे दाम पर डीजल डाल पंम्पसेट से खेतों की सचाई करने के सिवा कोई चारा नहीं बचा है इधर बीएओ राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने बताया कि सूखे की स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
