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नव वर्ष पर मंदिरों में बजते रहे घंटे तो पार्कों में भीड़

नव वर्ष 2018 का आगमन होते ही जिलेवासी झूम उठे। जैसे ही घड़ी की सूई रविवार रात 12 पर पहुंची लोगों ने पटाखे फोड़ कर एक दूसरे को बधाई देकर नये साल का शुरूआत...

नव वर्ष पर मंदिरों में बजते रहे घंटे तो पार्कों में भीड़
हिन्दुस्तान टीम,अररियाMon, 01 Jan 2018 11:37 PM
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नव वर्ष 2018 का आगमन होते ही जिलेवासी झूम उठे। जैसे ही घड़ी की सूई रविवार रात 12 पर पहुंची लोगों ने पटाखे फोड़ कर एक दूसरे को बधाई देकर नये साल का शुरूआत की।

नव वर्ष की खासबात यह रही कि इस जश्न में डूबे लोगों पर मौसम भी मेहरबान रहा। इस दौरान युवाओं का जोश व जुनून देखने लायक था। रविवार देर रात से ही नववर्ष के आगमन पर एक दूसरे को बधाई देने का सिलसिला शुरू हो गया था। ठीक रात के 12 बजे से वाट्सएप व विडियों कॉलिंग के जरिए लोगों ने एक दूसरे को फोन कर नव वर्ष की शुभकामनाएं दी। इतना ही नही कमोवेश शहर के हर मोहल्ले के युवकों ने पूरी रात जगकर अपने ढंग से नववर्ष का आंनद उठाया। पूजा—अर्चना कर की नववर्ष की शुरुआत: नव वर्ष के अहले सुबह सोमवार को शहर के मंदिरों में घंटियां गुंजने लगी थी। लोगों चमकते चेहरों के साथ अहले सुबह से ही सड़क पर नजर आये। इस दौरान श्रद्धालुओं ने विभिन्न मंदिरों में पूजा—अर्चना कर नव वर्ष का पहला आशीर्वाद भी प्राप्त किया। वहीं कुछ लोगों ने नववर्ष पर पड़ोसी राष्ट्र नेपाल के धार्मिक स्थलों की ओर भी कूच किया।

पहले वर्ष का पहला दिन, शहर में जश्न का रहा माहौल: एक तरफ जहां युवाओं की टोली असम, पश्चिम बंगाल व नेपाल की वादियों में पिकनिक मनाने व दोस्तों के साथ जश्न मनाने के लिए कूच कर रहे थे। वहीं कुसियारगांव के जैव विविधता उद्यान में सुबह से ही जबरदस्त भीड़ जुटी। दूसरी तरफ बच्चों ने पिकनिक स्पॉट पर नये साल का जमकर लुत्फ उठाया। शहर के विभिन्न स्कूलों व मोहल्लों के बच्चों की दर्जनों टोली अलग—अलग स्थानों पर जाकर पिकनिक मानाते हुए मौजमस्ती का आनंद उठाया। इस दौरान बच्चों की टोलियों ने हरी—भरी वादियां में म्यूजिकल डांस व कई प्रकार के व्यंजन का लुप्त उठाया। जबकि बड़े—बुजूर्गों ने गले मिलकर एक दूसरे को नव वर्ष की बधाई दी और सद्भाव बनाये रखने का संकल्प लिया।

सोशल मीडिया पर छाया रहा नव वर्ष 2018: घड़ी की सूई जैसे ही रविवार रात 12 को पार किया की लोग एक दूसरे को सोशल मीडिया पर बधाई संदेश भेजना शुरू कर दिया। इस दौरान अधिकांश घरों में लोग देर रात से फोन पर एक दूसरे को बधाई देते देखे गये। वैसे तो बधाई संदेश भेजने का सिलसिला पूरे दिसंबर माह से चल रहा था लेकिन रविवार की रात संदेश आने सिलसिला अचानक से बढ़ गया था।

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