अररिया। संवाददाता
अररिया नगर पालिका के लगभग 23 वर्षों तक चेयरमैन रहे और जाने माने अधिवक्ता हंसराज प्रसाद का निधन शनिवार की देर रात उनके गायत्री मोहल्ला स्थित निवास में हो गया। पिछले कुछ सालों से वे बीमार चल रहे थे। उनकी आयु 75 वर्ष के आस पास बताई जाती है। गौरतलब है कि हंसराज प्रसाद सामाजिक कार्यों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते थे। विद्वान अधिवक्ता तो थे ही। साथ ही लंबे समय तक रेड क्रॉस सोसाइटी के मानद सचिव भी रहे थे। उन्हें लोग साप्रदायिक सौहार्द के मजबूत स्तंभ के रूप में जानते थे। इनके निधन पर नप अध्यक्ष रितेश कुमार राय ने कहा कि उनका निधन जिले के लिए एक अपूरणीय क्षति है। 1979 से 2002 तक वे नगर पिता रहे। एक कर्मठ और समर्पित सामाजिक कार्यकर्ता थे। धर्म जाति से ऊपर उठ कर उन्होंने समाज के हर वर्ग के लिए काम किया। साप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए उनका योगदान हमेशा याद किया जाता रहेगा। उन्होंने अररिया को जिला बनाने में भी अहम योगदान दिया था। वहीं वरीय अधिवक्ता देव नारायण सेन, सामाजिक कार्यकर्ता सत्येंद्र शरण व मो मोहसिन ने निधन पर दुख जताते हुए कहा कि हंसराज प्रसाद लगभग 40 सालों तक अररिया न्यायालय में वकालत करते रहे। विद्वान अधिवक्ता व सरल व्यक्तित्व के मालिक थे। उन्हें जिला बनाव संघर्ष समिति का संयोजक बनाया गया था। वे सभी वर्ग और समुदाय में लोकप्रिय थे। सदभावना मंच के संरक्षक भी थे। सदभावना मंच से जुड़े समाजसेवी श्री शरण ने कहा कि मंच द्वारा आयोजित होली व ईद मिलन समारोह सहित साम्प्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा देने वाले सभी तरह के आयोजनों में उनकी सक्रिय भागीदारी रहती थी। इसी क्रम में बुजुर्ग अधिवक्ता मो ताहा और समाजसेवी शैलेन्द्र शरण ने बताया कि अररिया को जब जिला बनाने की मुहिम की शुरुआत हुई थी हंसराज प्रसाद को ही सर्वसम्मति से संघर्ष सामिति का संयोजक बनाया गया था। लगभग दो दशक तक चले संघर्ष के पूरे समय मे उन्होंने सक्रिय योगदान दिया। विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को इस मुद्दे पर एक मंच पर लाने में उन्होंने सराहनीय योगदान दिया। कुशल नेतृत्व रहा। लिहाजा जब भी अररिया के जिला बनने का इतिहास लिखा जाएगा तो उनका नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। इसी क्रम में उन्होंने बताया कि नगर पालिका बनने से बहुत पहले ही हंसराज प्रसाद को नगर सुधार समिति का अध्यक्ष चुना गया था। अररिया को जब नोटिफाइड एरिया घोषित किया गया तो पहले अध्यक्ष अनिल कुमार बोस बने, जबकि दूसरे अध्यक्ष अधिवक्ता स्वर्गीय मो यासीन बने। लेकिन नगर परिषद बनने के बाद हंसराज प्रसाद पहले चेयरमैन चुने गए। उन्होंने बताया कि अररिया को जिला का दर्जा देने के लिए शुरू किए गए आंदोलन के दौरान ही अररिया में कॉलेज की स्थापना को लेकर जो कमेटी बनाई गई थी उस में अधिवक्ता मो यासीन, स्वर्गीय रघुनाथ राय, स्वर्गीय वसिकुर्रह्मान और गंगा नाथ झा आदि के अलावा हंसराज प्रसाद भी शामिल थे। वहीं पूर्व सांसद सरफराज आलम ने कहा कि उनका उनके परिवार के लिए व्यक्तिगत क्षति भी है। उनके पिता स्वर्गीय सांसद तस्लीमुद्दीन के जमाने से उनका पारिवारिक रिश्ता बन गया था। राजनीति से लेकर सामाजिक विषयों पर हंसराज जी के मशविरे को उनके पिता बहुत तरजीह देते थे।