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सरकारी स्तर पर किसानों को नही मिल रहा पर्याप्त बीज, कैसे करें धान बुआई

अररिया । निज प्रतिनिधि मानसून के प्रवेश करते ही बारिश शुरू हो गयी है। कहीं

सरकारी स्तर पर किसानों को नही मिल रहा पर्याप्त बीज, कैसे करें धान बुआई
हिन्दुस्तान टीम,अररियाSat, 19 Jun 2021 10:01 PM
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अररिया । निज प्रतिनिधि

मानसून के प्रवेश करते ही बारिश शुरू हो गयी है। कहीं बूंदा-बूंदी तो कई क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश होने से किसानों ने धान बीज की बुआई तेज कर दी है। किसान खेतों को तैयार कर बीज गिराने में पूरी ताकत झोंक दी है। मानसून के समय पर पहुंच जाने और बारिश शुरू हो जाने से किसान जल्द से जल्द बिचरा गिराने के लिये अलग-अलग भेरायटी के कम दिनों में तैयार होने वाला बीज गिरा रहे हैं। खासकर निचले इलाके के किसानों में इस बात की छटपटी है कि अगर खेतों में अधिक पानी लग गया तो धान रोपनी मुश्किल हो जायेगा। मौसम का रूख देखकर किसानों में बीज बोने की आपाधापी है। मौसम की मार झेल चुके किसानों को सरकारी स्तर पर सहायता नहीं मिल रहा है। किसानों का कहना है कि सरकार हर साल किसानों को अनुदानित दर पर उन्नत धान का बीज मुहैया कराने की सब्जबाग दिखाती है लेकिन समय पर पर्याप्त मात्रा में बिचरा नहीं मिलता है। किसानों को व्यापारियों के दुकान से औने-पौने दामों पर बिचरा खरीदकर बोना पड़ रहा है। दरअसल नयी व्यवस्था के तहत किसानों को अनुदानित दर बीज खरीदने के लिये ऑनलाईन आवेदन करना पड़ता है। बताया जाता है कि जैसे ही किसान आवेदन करते हैं वह कृषि समन्वयक के पास फॉरवर्ड हो जाता है। इसके बाद बीएओ फिर डीएओ स्तर से आवेदन को अप्रूवल मिलने के बाद किसान के रजिस्टर्ड मोबाईल नंबर पर विभाग द्वारा ओटीपी भेजा जाता है। इसी ओटीपी को लेकर किसान दुकानदार के पास जाकर अनुदानित दर पर बीज खरीदते हैं। इसमें सबसे अधिक प्रॉब्लम यह आ रही है कि किसी के मोबाईल नंबर पर ओटीपी नहीं गिर रहा है तो किसी ने अपना मोबाईल नंबर बदल लिया। किसी के पास खुद का मोबाईल नहीं है तो किसी को ओटीपी के बारे में तकनीकी जानकारी नहीं रहती। ऐसे में किसान के साथ कृषि कर्मचारी भी परेशान हैं।

क्या कहते हैं किसान: किसान प्रमोद यादव, अरविन्द यादव, प्रेमलाल दास, भुपेन्द्र सिंह, सुधीर यादव आदि बताते हैं सरकारी स्तर से अनुदानित दर पर बीज खरीदना किसानों के लिये परेशानी का सबब बना है। रजिस्ट्रेशन के कई दिनों के बाद भी किसानों के मोबाईल नंबर पर ओटीपी नहीं गिर रहा है। ऑनलाईन आवेदन करने से लेकर अनुदानित दर पर बीज खरीदने की प्रक्रिया किसानों के टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। किसानों ने बताया कि जबतक सारी प्रक्रिया पूरी कर अनुदानित दर पर बीज खरीदेंगे तबतक धान की रोपनी भी शुरू हो जाएगी। सरकार को चाहिए बीज वितरण की प्रक्रिया को सरल बनाये ताकि किसानों को आसानी से बीज मिल सके।

जून के अंतिम सप्ताह तक बिचरा कर लें बुआई: कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रधान वैज्ञानिक डा. अरविन्द कुमार सिन्हा बताते हैं कि धान का बिचरा गिराने का समय जून माह भर गिरा सकते हैं। अगर लंबे अवधि का धान है तो 25 जून तक बिचरा हर हाल में गिरा लेना चाहिए। इसके बाद गिराने से धान लेट हो जायेगा। वहीं कम अवधि के धान का बिचरा गिराने के लिये जून अंतिम सप्ताह तक का समय है। उन्होंने कहा कि तय समय पर बिचरा गिरा लेने से रबी की बुआई समय से हो जाएगी, क्योंकि पिछले कई सालों से रबी की बुआई विलंब से हो रही है। इसका खामियाजा कहीं न कहीं किसानों को भुगतना पड़ रहा है। समय से खरीफ लगाने से रबी फसल भी समय से लगेगा। इसी तरह जुलाई माह में रोपनी खत्म कर देनी चाहिए। बताया कि मानसून समय पर आया है। इस बार बारिश की भी अच्छी खासी संभावना है।

क्या कहते हैं अधिकारी: जिलेभर में धान की बीज का वितरण हो रहा है। जिले में बीज की कमी नहीं है। ऑनलाईन करने के बाद ही किसानों को बीज मिलेगा। दिक्कत होने पर किसान प्रखंड कार्यालय या फिर अपने किसान सलाहकार व कृषि समन्वयक से मिलें। अब तक तक 5044 किसानों को बीज उपलब्ध करायी जा चुकी है। अबतक 795.78 क्िंवटल बीज बांटे जा चुके हैं।

- संतलाल प्रसाद साह, डीएओ, अररिया।

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