बाढ़ की विभीषिका है जिले का बड़ा मुद्दा, निदान बेहद जरूरी
शुक्रवार को अररिया जिले में 36 स्थानों पर महिला संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बारिश के बावजूद, यह कार्यक्रम लगातार 36 दिनों से चल रहा है। इसमें महिलाओं को सरकारी योजनाओं की जानकारी दी जा रही है...

शुक्रवार को जिले के ग्रामीण इलाकों में 36 स्थानों पर आयोजित हुआ संवाद महिलाओं को विस्तार से मिल रही है सरकारी योजनाओं की जानकारी अररिया, संवाददाता पिछले कुछ दिनों में आई और झमाझम बारिश के बावजूद अगर जिले में महिला संवाद कार्यक्रम बिना रुके पिछले 36 दिनों से हर दिन आयोजित हो रहा है तो ये यकीनन हैरत की बात है। मगर दावा तो ऐसा ही किया जा रहा है। जिला जीविका द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को 36वें दिन भी निर्धारित योजना अनुसार जिले के ग्रामीण इलाकों में 36 स्थानों पर सफलता से आयोजित किया गया। दावा ये भी है कि महिला संवाद कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं को सरकारी योजनाओं की विस्तृत जानकारी विभिन्न माध्यमों से दी जा रही है।
उन्हें योजना के लाभ और प्रक्रिया के बाबत भी बताया जा रहा है। यही नहीं बल्कि गांव और पंचायत की बेहतरी और विकास के साथ साथ उनकी व्यक्तिगत समस्याओं की अभिव्यक्ति के लिए प्रेरित भी किया जाता है। नतीजा ये है कि महिला संवाद कार्यक्रम में महिलाएं खुलकर अपनी बात रख रही हैं। कहा जा रहा है कि कार्यक्रम से जुड़ने वाली महिलाओं की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। इसका बड़ा प्रभाव भी देखने को मिल रहा है। कार्यक्रम में शिरकत करने वाली महिलाओं को प्रदेश सरकार की ओर से चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी मिल रही है। जिसका लाभ वो उठा रही हैं। कार्यक्रम द्वार व्यक्त आकांक्षाओं और सुझावों को व्यवस्थित ढ़ंग से अंकित किया जा रहा है। साथ ही उसकी प्रविष्टि मोबाइल एप में भी की जा रही है। इन प्रविष्टियों को देखने के बाद सक्षम पदाधिकारी इसके निराकरण की कोशिश भी कर रहे हैं। यह एक बड़े बदलाव का संकेत है। कहा गया है कि प्राथमिकता के आधार पर समस्याओं के निदान से महिलाएं काफी खुश हैं। महिलाओं को ये यकीन होने लगा है कि उनकी बातें गंभीरता से सुनी जा रही हैं। निदान भी करने की कोशिश हो रही है। लिहाजा महिलाएं काफी उत्साह के साथ महिला संवाद कार्यक्रम में शिरकत कर रही हैं। बताया गया कि महिला संवाद के 36वें दिन भी जिले में 36 स्थानों पर महिला संवाद कार्यक्रम संपन्न हुआ। कार्यक्रम में पहुंची महिलाओं ने दहेज प्रथा और नशा का विरोध करते हुए शपथ भी लिया। इसी तरह कुछ महिलाओं ने बाढ़ की विभीषिका को बड़ा मुद्दा बताया। उनका कहना था कि बाढ़ की समस्या से निजात दिलाने के लिए सरकारी स्तर पर व्यापक इंतजाम करने की जरूरत है। बाढ़ के पानी की निकासी का उचित प्रबंध नहीं होने के कारण बाढ़ का पानी घरों में घुस जाता है। जिसकी वजह से सारा सामान पानी में बह जाता है। मवेशी को संभालना मुश्किल होता है। बाढ़ आश्रय स्थल की उचित व्यवस्था नहीं होने से लोगों को भी बहुत परेशानी उठानी पड़ती है। इसलिए सरकार को इसका माकूल इंतजाम करना चाहिए।
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