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कड़े कानून के बाद भी रेप की घटनाओं में नहीं हो रही कमी

देश मे रेप के दोषियों केे खिलाफ कड़े कानून बनाये गये, सुरक्षा तंत्र सजग हुआ, जिम्मेदारियां तय हुईं, आत्मरक्षा के गुर सिखाये गये, मगर न तो महिलाओं के खिलाफ अपराध कम हुए और न ही रेपिस्ट में ख़ौफ़ पैदा...

कड़े कानून के बाद भी रेप की घटनाओं में नहीं हो रही कमी
हिन्दुस्तान टीम,अररियाThu, 20 Feb 2020 12:31 AM
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देश मे रेप के दोषियों केे खिलाफ कड़े कानून बनाये गये, सुरक्षा तंत्र सजग हुआ, जिम्मेदारियां तय हुईं, आत्मरक्षा के गुर सिखाये गये, मगर न तो महिलाओं के खिलाफ अपराध कम हुए और न ही रेपिस्ट में ख़ौफ़ पैदा हुआ। लिहाजा अपराध कम होने की बजाय बढ़ता गया।

जाहिर है, जिस तत्परता से सुरक्षा योजनाएं बनीं उस संजीदगी और सक्रियता से लागू नहीं हुईं। पूरे देश को दहला देने वाले निर्भया कांड के बाद भी महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। पिछले सात वर्ष में महिलाओं के खिलाफ हर तरह के अपराधों में बढ़ोतरी हुई है।अररिया जिले में हर माह औसतन पांच से छह रेप की घटनाएं हो रही है। मिली जानकारी के अनुसार इन सात वर्षों में जिले के अलग अलग जगहों पर हुई 375 दुष्कर्म की घटना थाने में दर्ज हुवी है। आकड़ो को देखे तो जिले में हर साल 50 से अधिक रेप के मामले सामने आ रहे है।

इनमें ज्यादातर मामले शादी का झांसा देकर या यूं कहे महीनों तक शारीरिक सम्बन्ध बनाने के बाद जब शादी नहीं करने पर रेप का मामला दर्ज कराया जाना होता है। ऐसे मामलों में यहां हर साल तकरीबन आधा दर्जन लड़कियां बिन व्याही मा भी बन रही है।

कार्रवाई में देरी से पीड़िता को नहीं मिल रहा है इंसाफ: दरअसल दुष्कर्म एक ऐसी घटना है जिसमें पीड़िता को न सिर्फ शरीरिक जख्म मिलते हैं, बल्कि वे इस सदमें से मानसिक रूप से भी प्रभावित होती है। लेकिन महिला अपराध के मामले में पुलिस लापरवाह बनी हुई है। दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराध में मामला दर्ज करने के बाद पुलिस जांच और कार्रवाई के नाम पर मामले को लटकाये रखती है जिसके कारण पीड़ितों को त्वरित न्याय नहीं मिल पा रहा है। न्याय के लिए पीड़िता थाना से लेकर आलाधिकारियों के चौखट पर पहुंचकर गुहार लगाती है, लेकिन इंसाफ के बदले पीड़तों को परेशानी के सिवा कुछ भी नहीं मिल पाता है।

कई मामलों में दोषियों को मिली है सजा: जिले में घटित कुछ जघन्य मामलों में पुलिस की सक्रियता से दोषियों को सजा भी मिल रही है।

11 जुलाई 2018 को शहर के आजाद नगर स्थित अपने नानी के घर से लौट रही एक नाबालिग को नशीली दवा खिला कर दो युवकों ने जबरन दुष्कर्म किया। जब नाबालिग की स्थिति बिगड़ गयी तो दोनों ने उसे अस्पताल में भर्ती करा कर फरार हो गये। इस मामले को लेकर कई दिनों तक शहर में प्रदर्शन हुआ । इसके बाद आरोपियों की गिरफ्तारी हुई। दिसम्बर 2019 में दोनों आरोपियों को न्यायालय ने 20-20 साल की सजा सुनाई है। इससे पहले वर्ष 2013 में अररिया के जोकीहाट थाना क्षेत्र में 16 वर्षीया एक किशोरी के साथ आठ लोगों ने सामूहिक बलात्कार की घटना को अंजाम दिया था। तत्कालीन एसपी अख्तर हुसैन ने घटना को सत्य पाया था लेकिन सात साल बाद भी इस कांड के आरोपियों को सजा नही मिली।

वर्ष 2013- 39

वर्ष 2014- 35

वर्ष 2015- 50

वर्ष 2016- 51

वर्ष 2017- 58

वर्ष 2018- 62

वर्ष 2019- 80

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