फारबिसगंज । (नि. सं.)।
मरीज की मौत के बाद डॉक्अर व मृतक परिजनों के बीच आपसी समन्वय की परिपाटी शहर में विगत वर्षों से चलती रही है । मगर शनिवार को ईश्वर दयाल अस्पताल में मरीज गयानंद यादव की मौत पर समन्वय स्थापित होने के बाद जिस तरह से हंगामा मचा इसका नजारा बड़ा डरावना था। अचानक अस्पताल के भीतर और बाहर तोड़फोड़ और मारपीट इस तरह शुरू हुआ जिसे संभाल पाना पुलिस वालों के लिए मुश्किल हो गया। दरअसल करीब पांच घंटे प्रदर्शन व विरोध के बाद मृतक परिजन और चिकित्सक के बीच मामले की सुलह व समाधान कर लिया गया । इस दौरान डॉक्टर द्वारा 20 हजार रुपये नगद रकम दिए गए और 5 मिनट में एक लाख रुपये का एक चेक देने की बात कही गई । सारी स्थिति सामान्य हो गए । अस्पताल से शव को घर ले जाने की तैयारी शुरू हो गई। इस तरह 15-20 मिनट का समय बीत गया । इसी बीच डॉक्टर के पिछले रास्ते से भागने की अफवाह फैली और आक्रोशितों द्वारा अस्पताल के अंदर और बाहर तोड़फोड़ शुरू हो गई। जब तक पुलिस वाले भी कुछ समझ पाते तब तक स्थिति अनियंत्रित हो गई। अगल-बगल के लोग भय से भागने लगे। गुस्साए लोग एक बुलेट और स्कूटी को तोड़कर उसमें आग लगाने का प्रयास करने लगे । मगर पुलिस चोट खाकर भी ऐसा नहीं होने दिया। इस बीच भागम भाग का दौर चलता रहा। इसी दौरान एक मुकेश नामक युवक द्वारा वीडियो बनाते देख आक्रोशितों द्वारा उन्हें चिकित्सक का आदमी समझ कर पीटना शुरू कर दिया और उसे पीट-पीटकर अधमरा कर दिया । यहां अगर पुलिस थोड़ी भी लापरवाही बरतती तो उनका बच पाना मुश्किल हो सकता था। तोड़फोड़ व मारपीट का जब अंतिम दौर था तभी चिकित्सक जेएन चौपाल चेक के साथ हाजिर हो गए और चेक लेने के बाद परिजन व ग्रामीण शव को लेकर गांव चले गए तथा चिकित्सक भी अस्पताल के आवासीय कक्ष में घुस गए। फिलहाल किसी भी ओर से प्राथमिकी के लिए आवेदन नहीं दिया गया है।