जमुई: बच्चों की समस्याओं को लेकर समुदाय के साथ जागरूकता बैठक
सिकंदरा। निज प्रतिनिधि मंगलवार को सिकंदरा प्रखंड सबलबीघा पंचायत के कोड़ासी गांव में बच्चों

सिकंदरा। निज प्रतिनिधि मंगलवार को सिकंदरा प्रखंड सबलबीघा पंचायत के कोड़ासी गांव में बच्चों की समस्याओं को लेकर परिवार विकास/चाइल्ड फण्ड इन्टरनेशनल के तत्वावधान में जागरूकता बैठक का आयोजन किया गया। समन्वयक रामवृक्ष महतो ने बताया कि बच्चों की समस्याओं के निवारण के लिए गांव समाज के लोगों की भूमिका अहम होती है। एक सशक्त समाज निर्माण के लिए बच्चों की समस्याओं पर ध्यान देना आवश्यक है। बच्चों के साथ मुख्य रूप से तीन समस्याएं आती है। शोषण, बालश्रम और बाल विवाह। यदि कहीं बच्चों के साथ किसी प्रकार का शोषण, बाल विवाह और बाल-श्रम की समस्या आती है तो समुदाय के लोगों को ग्राम पंचायत के सरपंच, प्रथम न्यायिक मजिस्ट्रेट, पुलिस, चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098, 112, जिला प्रोबेशन अधिकारी एवं बाल कल्याण समिति को दे सकते हैं। बाल विवाह सामाजिक कुरीति है साथ ही कानूनी रूप से दंडनीय अपराध है। बालश्रम कराने वाले व्यक्ति को 6 माह से 2 साल की सजा और 20 हजार से 50 हजार रूपए तक का जुर्माना दोनों हो सकते हैं।1989 संयुक्त राष्ट्र संघ ने बच्चों के विकास और प्रगति के अधिकारों की सुरक्षा की गारंटी के लिए बाल अधिकार सम्मेलन पारित किया। 1992 बालश्रम के वैश्विक उन्मूलन को बढ़ावा देने के लिए और देशों को उनके प्रयासों में सहायता देने के लिए अन्तर्राष्ट्रीय बालश्रम उन्मूलन कार्यक्रम की स्थापना की गईं। बालश्रम और बाल विवाह से बच्चों पर असमय पारिवारिक बोझ लद जाता है और उनकी प्रतिभा कुंठित हो जाती है। जो देश के लिए अभिशाप है। सभी बच्चा पढ़ेगा तभी देश आगे बढ़ेगा। बाल विवाह से जच्चा-बच्चा दोनों को खतरा हो सकता है। उस पूर्णरूपेण शारीरिक विकास नहीं हो पाता है मां बनने लायक। जिससे बाल विवाह के शिकार बच्चे कमजोर हो जाते हैं। बच्चों के समस्याओं से संबंधित विस्तृत जानकारी का आदान-प्रदान किया गया। मौके पर संस्थान कार्यकर्ता रानी सिंह, विनय सिंह एवं दर्जनों लोग उपस्थित थे।
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