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आसाराम की सजा पर आश्रम में छायी वीरानगी

जोधपुर कोर्ट ने जैसे ही संत आसाराम बापू को दोषी करार दिया, फारबिसगंज के ढोलबज्जा स्थित आसाराम के आश्रम में वीरानगी छा...

आसाराम की सजा पर आश्रम में छायी वीरानगी
हिन्दुस्तान टीम,अररियाWed, 25 Apr 2018 10:56 PM
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जोधपुर कोर्ट ने जैसे ही संत आसाराम बापू को दोषी करार दिया, फारबिसगंज के ढोलबज्जा स्थित आसाराम के आश्रम में वीरानगी छा गई। सभी भक्त भावुक हो उठे और उनकी आंखे छल-छल गई। कहते हैं बुधवार के सवेरे से ही आसाराम के भक्त साधना में लीन थे और बापू के निर्दोष होने के प्रति ईश्वर से आशावान थे। कुछ सेवादार आश्रम में ही साधना में लीन थे तो कुछ अपने-अपने घरों में। जैसे ही अदालत ने बापू आसाराम को दोषी करार दिया भक्त भावुक हो उठे। कई भक्त आश्रम से निकल कर अपने घर की ओर चल पड़े तो कई सेवादार आश्रम में ही मायूस हो बैठे रहे।

जब इस संबंध में आश्रम के सेवादार जटाशंकर जी से पूछा गया तो वह भावुक हो उठे। उन्होंने कहा कि चाहे बापू को फांसी पर लटका दो मगर उनके प्रति आस्था में कोई कमी नहीं आएगी। सेवादार ने कहा कि उन लोगों को उम्मीद थी कि बापू निकल जाएंगे मगर बापू धर्मांतरण कराने वाले शक्तियों के शिकार हो गए। क्योंकि बापू धर्मांतरण के प्रबल विरोधी थे। सेवादार ने कहा कि आज हर लोग आहत है यहां तक कि यहां कि प्रकृति भी आहट महसूस कर रही है। सेवादार के साथ उनके सहयोगी विनोदानंद भाई भी काफी भावुक दिखे।

कहते हैं संत आसाराम जी के इस आश्रम में करीब 300 भक्त हैं जो बापू के आस्था पर समर्पित हैं। मगर बापू के खिलाफ कोर्ट के फैसले के बाद कोई आश्रम नहीं आए। हिंदुस्तान से बातें करने के बाद सेवादार भी अपने कक्ष में चले गए। मगर जाने से पहले उन्होंने कहा कि प्लीज हमें छोड़ दो ,बहुत आहत हूं, भीतर से टूट चुका हूं मगर फिर भी विश्वास है कि बापू हमारे बीच जरूर आएंगे।

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