अररिया: मोटर बोट बना जनाजे का सहारा
कल तक था चचरी का सहारा मगर अब बाढ़ क्या आई वह भी खत्म हो गया। अब तो जनाजे को कब्रिस्तान तक पहुंचाने के लिए मोटर बोट का सहारा लिया जा रहा है। जी हां दशक बीत गए, नहीं बनी पूल, पथरा गई ग्रामीणों की...
कल तक था चचरी का सहारा मगर अब बाढ़ क्या आई वह भी खत्म हो गया। अब तो जनाजे को कब्रिस्तान तक पहुंचाने के लिए मोटर बोट का सहारा लिया जा रहा है। जी हां दशक बीत गए, नहीं बनी पूल, पथरा गई ग्रामीणों की आंखें। कल तक चचरी आवागमन का साधन था मगर अब ग्रामीणों को वह भी नसीब नहीं है।
ऐसी स्थिति में शनिवार को जब रामपुर दक्षिण निवासी मोहम्मद समीद अंसारी के जनाजे को कब्रिस्तान तक ले जाने का कोई रास्ता नहीं मिला तो फिर एनडीआरएफ की टीम द्वारा मोटर बोट के जरिए जनाजे को नदी पार कर कब्रिस्तान तक जाया गया। इस मौके पर ग्रामीणों में मुमताज अंसारी, जावेद अंसारी, इम्तियाज अंसारी, आफताब आलम, हातिम अंसारी, शहीद अंसारी, कयूम अंसारी सहित दर्जनों लोगों ने बताया कि रामपुर दक्षिण में कजरा धार के पूर्वी भाग में गांव है और पश्चिमी भाग में कब्रिस्तान अवस्थित है। दशकों बीत गए मगर धार पर आज तक पुल नहीं बन सका। पता नहीं कितने सांसद और विधायकों ने सिर्फ आश्वासन देने का काम किया है।
ऐसी हालत में यहां तो जनाजे को भी एकमात्र चकरी का सहारा बचा था। मगर बाढ़ में वह भी बह गया। ऐसी परिस्थिति में एनडीआरएफ द्वारा मोटर बोट के जरिए कब्रिस्तान तक जनाजे को लाया गया है। यहां मौजूद सैकड़ों लोगों में जनप्रतिनिधियों के प्रति आक्रोश दिखाई दिया और इन लोगों ने एक स्वर से कहा कि हम लोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है।
विगत दो दशक से न जाने कितने सांसद और विधायकों ने सिर्फ आश्वासन दिया लेकिन आज तक आश्वासनों को सर जमीन पर उतारने का किसी ने प्रयास नहीं किया।