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अररिया: इलेक्ट्रॉनिक सामान की फारबिसगंज में बिक्री घटी

कोरोना वायरस को लेकर बेशक अस्पताल से लेकर इंडो-नेपाल जोगबनी सीमा तक सतर्कता बरती जा रही है। स्थानीय अनुमंडलीय अस्पताल में आयसोलेशन वार्ड बनाया गया है, मगर कोरोना ने बाजार के रंग को बदरंग कर दिया...

कोरोना वायरस को लेकर बेशक अस्पताल से लेकर इंडो-नेपाल जोगबनी सीमा तक सतर्कता बरती जा रही है। स्थानीय अनुमंडलीय अस्पताल में आयसोलेशन वार्ड बनाया गया है, मगर कोरोना ने बाजार के रंग को बदरंग कर दिया...
1/ 4कोरोना वायरस को लेकर बेशक अस्पताल से लेकर इंडो-नेपाल जोगबनी सीमा तक सतर्कता बरती जा रही है। स्थानीय अनुमंडलीय अस्पताल में आयसोलेशन वार्ड बनाया गया है, मगर कोरोना ने बाजार के रंग को बदरंग कर दिया...
कोरोना वायरस को लेकर बेशक अस्पताल से लेकर इंडो-नेपाल जोगबनी सीमा तक सतर्कता बरती जा रही है। स्थानीय अनुमंडलीय अस्पताल में आयसोलेशन वार्ड बनाया गया है, मगर कोरोना ने बाजार के रंग को बदरंग कर दिया...
2/ 4कोरोना वायरस को लेकर बेशक अस्पताल से लेकर इंडो-नेपाल जोगबनी सीमा तक सतर्कता बरती जा रही है। स्थानीय अनुमंडलीय अस्पताल में आयसोलेशन वार्ड बनाया गया है, मगर कोरोना ने बाजार के रंग को बदरंग कर दिया...
कोरोना वायरस को लेकर बेशक अस्पताल से लेकर इंडो-नेपाल जोगबनी सीमा तक सतर्कता बरती जा रही है। स्थानीय अनुमंडलीय अस्पताल में आयसोलेशन वार्ड बनाया गया है, मगर कोरोना ने बाजार के रंग को बदरंग कर दिया...
3/ 4कोरोना वायरस को लेकर बेशक अस्पताल से लेकर इंडो-नेपाल जोगबनी सीमा तक सतर्कता बरती जा रही है। स्थानीय अनुमंडलीय अस्पताल में आयसोलेशन वार्ड बनाया गया है, मगर कोरोना ने बाजार के रंग को बदरंग कर दिया...
कोरोना वायरस को लेकर बेशक अस्पताल से लेकर इंडो-नेपाल जोगबनी सीमा तक सतर्कता बरती जा रही है। स्थानीय अनुमंडलीय अस्पताल में आयसोलेशन वार्ड बनाया गया है, मगर कोरोना ने बाजार के रंग को बदरंग कर दिया...
4/ 4कोरोना वायरस को लेकर बेशक अस्पताल से लेकर इंडो-नेपाल जोगबनी सीमा तक सतर्कता बरती जा रही है। स्थानीय अनुमंडलीय अस्पताल में आयसोलेशन वार्ड बनाया गया है, मगर कोरोना ने बाजार के रंग को बदरंग कर दिया...
हिन्दुस्तान टीम,अररियाFri, 13 Mar 2020 11:30 PM
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कोरोना वायरस को लेकर बेशक अस्पताल से लेकर इंडो-नेपाल जोगबनी सीमा तक सतर्कता बरती जा रही है। स्थानीय अनुमंडलीय अस्पताल में आयसोलेशन वार्ड बनाया गया है, मगर कोरोना ने बाजार के रंग को बदरंग कर दिया है।

सबसे ज्यादा इलेक्ट्रॉनिक समान प्रभावित हुआ है। खासकर मोबाइल से लेकर वाशिंग मशीन तक खरीदने की घोर समस्या उत्पन्न हो गयी है। यह इसलिए क्योंकि बाजार की अधिकांश समान चीनी निर्मित है। इसकी आपूर्ति ठप हो गयी है। कोरोना को लकर इलेक्ट्रॉनिक के अलावा खेल सामग्री महंगा हो गया है। बाजार से न केवल मनपसंद समान गायब हो गयी है बल्कि वाशिंंग मशीन, एसी, टीवी, गीजर सहित मोबाइल काफी महंगी हो गयी है। इस संबंध में व्यवसायी इजहार अंसारी ने बताया कि ओपो, एमआई, वीवो, रीयलमी आदि मोबाईल मूलरूप से चीन निर्मित है मगर समान के क्राइसिस होने के कारण जहां मनपसंद मोबाइल का मिलना बंद हो गया है वहीं कीमत में भी काफी इजाफा हुआ है। इस संंबंध में शहर के उद्योगपति मूलचंद गोलछा ने बताया कि स्थानीय स्तर पर आयात बंद होने से बाजार मे प्रतिकूल असर पड़ रहा है। शेयर बाजार तो ठप सा हो गया है। और कोरोना को लेकर लेकर एक एक समान सोच समझ कर खरीद रहे हैं। यह भी कहा कि जीवन उपयोगी समान के अलावा हर समान की बिक्री में फर्क पड़ गया है। व्यवसायी मोती लाल शर्मा ने कहा कि कोरोना को लेकर खासकर चीनी समानो का वहिष्कार और आयात मे रूकावट को लेकर सारा व्यापार प्रभावित हो गया है। चीन निर्मित कई जीवन के उपयोगी वस्तु का आकर्षण ज्यादा थी इसके बंद होने से बाजार प्रभावित हो गया है। सबसे ज्यादा प्रभावित बच्चे हुए है। बीते होली मे भी एक तरह से चीन निर्मित समानो का अघोषित वहिष्कार ही हुआ है। व्यवसायी बछराज राखेचा ने कहा कि सीमा से सटे होने के कारण स्थानीय बाजार नेपाल से प्रभावित होता रहा है। नेपाल मे चीनी हस्तक चरम पर है लिहाजा नेपाल को लेकर सीमा से सटे भारतीय बाजार भी प्रभावित हो गया है। मेडिकल ऐसोसिएशन से जूड़े विनोद सरावगी ने कहा कि स्थानीय स्तर मे व्यवहार होने वाले सभी प्राय: दवाइयों का 60 प्रतिशत कच्चा मेटेरियल चीन से आता है। ऐसे मे जैसे जैसे स्टॉक खत्म होते जा रहा है वैसे वैसे समस्या बढ़ती जा रही है। अभी व्यापारियो के पास तीन महिने का स्टॉक रहता है मगर समय के साथ चिंता बढ़ती जा रही है।

जोगबनी शहर सबसे ज्यादा प्रभावित: कोरोना वाइरस को लेकर नेपाल सीमा पर अवस्थित जोगबनी बाजार सबसे ज्यादा प्रभावित है। जानकार बताते हैं कि जोगबनी बाजार मूलत: नेपाली ग्राहकों पर निर्भर रहता है। नेपाली नागरिकों का चीनी वस्तुए ज्यादा पसंदीदा होता है। यही कारण है कि नेपाल अधिराज्य मे चीनी हस्तक चरम पर है। जोगबनी शहर का आकर्षण भी चीनी वस्तुओं को लेकर है। अब जहां एक तरफ लोग चीनी वस्तू की खरीदारी से मुंह मोड़ रहे हैं।

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