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आजादी के बाद पलासी विस क्षेत्र आया था अस्तित्व में, अब सिकटी

आजादी के बाद ही पलासी विस क्षेत्र अस्तित्व में आया। 1952 में हुए पहले चुनाव में कांग्रेस के पंडित पुन्यानन्द झा को पहला विधायक बनने का गौरव हासिल हुआ। वही सबसे अधिक बार विधान सभा जाने वालो में ...

आजादी के बाद पलासी विस क्षेत्र आया था अस्तित्व में, अब सिकटी
हिन्दुस्तान टीम,अररियाMon, 19 Oct 2020 03:33 AM
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आजादी के बाद ही पलासी विस क्षेत्र अस्तित्व में आया। 1952 में हुए पहले चुनाव में कांग्रेस के पंडित पुन्यानन्द झा को पहला विधायक बनने का गौरव हासिल हुआ। वही सबसे अधिक बार विधान सभा जाने वालो में अजीमुद्दीन साहब थे जिन्होने तीन बार निर्दलीय व दो बार जनता दल के टिकट पर विधायक बने। दो मध्यावधि चुनाव सहित 15 विधान सभा चुनावों मे इस क्षेत्र के मतदाता छह बार कांग्रेस, पांच बार निर्दलीय, तीन बार भाजपा, एक बार जनता दल एवं एक बार जदयू प्रत्याशी को जीता कर विधान सभा जाने का मौका दिया है। वही 1957 में कांग्रेस की शान्ति देवी विधायक बनी। वहीं 1962 में निर्दलीय अजीमुद्दीन कांग्रेस प्रत्याशी को पराजित कर विधान सभा पहुंचे थे। फिर 1967 में फिर अजीमुद्दीन चुनाव जीते। 1969 में हुए मध्यावधि चुनाव में भी फिर अजीमुद्दीन को विजयी श्री हासिल हुआ। लेकिन 1972 के चुनाव में कांग्रेस के मायानन्द ठाकुर से अजीमुद्दीन को पराजित होना पड़ा।

1977 में नये परिसीमन के तहत सिकटी विधान सभा क्षेत्र अस्तित्व में आया। इसमें सिकटी के अलावे पलासी और टेढागाछ प्रखंड को भी इस क्षेत्र में शामिल किया गया जो उस समय किशनगंज लोकसभा क्षेत्र में पड़ता था। 1977 के विधान सभा चुनाव में जेपी की आंधी में जनता पार्टी की टिकट पर मो अजीमुद्दीन ने कांग्रेस के मायानन्द ठाकुर को 10 हजार से अधिक मतों से पराजित किया। इसके बाद वे सरकार में मंत्री भी बने। विधान सभा चुनाव 1980 में कांग्रेस के शीतल प्रसाद गुप्ता ने आठ हजार मतों से अजीमुद्दीन साहब को पराजित कर दिया। 1985 में शीतल गुप्ता का टिकट कटा और रामेश्वर यादव को कांग्रेस प्रत्याशी बनाया गया। यहां कांग्रेस प्रत्याशी से अजीमुद्दीन हार गये। वही 1990 के विधान सभा चुनाव में जनता दल प्रत्याशी के रूप में अजीमुद्दीन ने कांग्रेस के रामेश्वर यादव को 17 हजार मतों से पराजित कर चुनाव जीत कर सरकार मेे मंत्री बन गये। फिर 1995 के चुनाव में कांग्रेस के रामेश्वर यादव ने अजीमुद्दीन को पराजित कर विधान सभा पहुंचे। विधान सभा चुनाव 2000 में भाजपा का उदय हुआ और भाजपा प्रत्याशी आनन्दी प्रसाद यादव अजीमुद्दीन को 14 हजार मतो से पराजित कर कमल खिलाया। वहीं 2005 फरवरी के चुनाव मे वंचित मोर्चा के बेनर तले निर्दलीय प्रत्याशी मुरलीधर मंडल ने भाजपा के आनन्दी प्रसाद को पराजित कर विधान सभा पहुंचे। फिर मध्यावधि चुनाव नवम्बर 2005 में जदयू प्रत्याशी के रूप मे मुरलीधर मंडल अपनी जीत दर्ज करायी । 2009 में जिला स्तर पर हुए नये परिसीमन से सिकटी की भौगोलिक तस्वीर ही बदल कर रख दी। यहां 2010 के विधान सभा चुनाव में किशनगंज के टेढ़ागाछ को हटा कर कुर्साकांटा के 13 पंचायत, पलासी के 10 पंचायत और सिकटी के 14 पंचायत सहित 37 पंचायत मिला कर सिकटी विधान सभा नये रूप में अस्तित्व मे आया। नई परिसीमन में समीकरण भी बदल गया। 2010 के चुनाव में भाजपा के आनन्दी प्रसाद यादव ने लोजपा के विजय कुमार मंडल को 10 हजार मतों से पराजित कर विधायक बने। पिछले विधान सभा चुनाव 2015 मे भाजपा प्रत्याश्ी विजय कुमार मंडल ने जदयू प्रत्याशी शत्रुघ्न मंडल को आठ हजार मतों से पराजित कर विधान सभा पहुंचे थे।

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