224 एचएससी बनेंगे हेल्थ वेलनेस सेंटर
जिले के 224 हेल्थ सब सेंटर को हेल्थ वेलनेस सेंटर में बदलकर सुविधाएं बढ़ायी जाएगी। अधिकारी स्तर दर स्तर सभी एचएससी को एचडब्लूसी में बदलकर वहां तमाम सुविधाएं मुहैया...
जिले के 224 हेल्थ सब सेंटर को हेल्थ वेलनेस सेंटर में बदलकर सुविधाएं बढ़ायी जाएगी। अधिकारी स्तर दर स्तर सभी एचएससी को एचडब्लूसी में बदलकर वहां तमाम सुविधाएं मुहैया करायें। गुरुवार को डीएम हिमांशु शर्मा की अध्यक्षता में समाहरणालय परिसर स्थित आत्मन हॉल में स्वास्थ्य योजनाओं की हुई समीक्षा में यह निर्णय लिया गया।
कालाजर छिड़काव कार्य की समीक्षा करते हुए कहा कि सूबे में सबसे अधिक कालाजार प्रभावित क्षेत्रों में शामिल फारबिसगंज के औराही और रानीगंज के बैद्यनाथपुर में विशेष अभियान चलाया जायेगा। करीब 45 ऐसे गांव हैं जहां अधिक केस मिल रहे हैं, उन गांवों में सीएस व डीपीएम खुद कैम्पेन करें।
डीएम ने कहा कि गर्भवती माताओं की प्रसव पूर्व चौथी जांच में कमी दिख रही है, इसलिए गर्भवती माताओं को सही जानकारी व सेवा दें। शत-प्रतिशत स्तनपान के लिए महिलाओं को जागरूक करें। पूर्ण प्रतिरक्षण की समीक्षा करते हुए कहा कि नियमित टीकाकरण 76 प्रतिशत से बढ़ाकर 80 फीसदी करायें। संस्थागत प्रसव पर चर्चा करते हुए जो महिलाएं स्वास्थ्य सेंटर में प्रसव कराने से हिचकती है उन्हें प्रशिक्षित नर्स से ही प्रसव कराने के लिए प्रेरित करें। एनीमिया ग्रसित गर्भवती व लो बर्थ वेट बच्चों को करें चिह्नित: एनीमिया से ग्रसित गर्भवती महिलाओं को चिह्नित कर सूची तैयार करें। भीएचएसएनडी साइट पर हीमोग्लोबीन मीटर, वेट मशीन, बीपी मशीन व स्टेथलस्कोप आदि की व्यवस्था रखें। लो बर्थ वेट यानि दो किलो से कम वजन बच्चे को सूचिबद्ध कर समय-समय पर उनका फॉलोअप करें। सास-बहू सम्मेलन के तहत आरआई साइट पर सास-बहू को बुलाकर परिवार नियोजन के महत्व व संसाधनों की जानकारी दें। भिलेज हेल्थ सब सेंटर को प्रभावी बनायें। आरआई साइट पर टीकाकरण, परिवार नियोजन के संसाधनों की जानकारी व हर गर्भवती माताओं का एएनसी करायें और उन्हें आयरन तथा कैल्शियम की गोली प्रचुर मात्रा में दें। उन्हें स्वच्छता के प्रति जागरूक करें। सीएस नवलकिशोर ओझा, एसीएमओ डा. आरएन झा, डीपीएम रेहान अशरफ, डीआईओ डा. हरिकिशोर सिंह समेत प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, बीएचएम, सीडीपीओ, यूनिसेफ व केयर के प्रतिनिधि आदि थे।
प्रसव गृह में तैनात नर्सों का होगा कौशल विकास : आत्मन हॉल में डीएम हिमांशु शर्मा ने दीप प्रज्जलवित कर अपातकालीन मातृत्व एवं नवजात तत्परत (अमानत) ज्योति कार्यक्रम की शुरुआत की। डीएम ने कहा कि इसके माध्यम से प्रसव गृह में कार्यरत एएनएम को बेहतर प्रशिक्षण देकर उनका कौशल विकास किया जाएगा। इसके लिए हर प्रखंड के दो नर्स को मास्टर ट्रेनर बनाया गया है, जिन्हें सदर अस्पताल में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके बाद वे अपने प्रखंडों में एएनएम को प्रशिक्षण देंगी। कार्यक्रम मुख्य उद्देश्य सुरक्षित प्रसव के विधि को सही तरीके से अपनाने और इसके उपस्कर व उपकरणों का डिमांड कर उसके सही इस्तेमाल पर जोर देना है।