वीकेएसयू : शिक्षक के समर्थन में ऑनलाइन पिटिशन अभियान
कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के पीजी भौतिकी विषय के असिस्टेंट प्रोफेसर सह कंप्यूटर सेंटर इंचार्ज अमरेंद्र नारायण के साथ हुई मारपीट के मामले में...

वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के पीजी भौतिकी विषय के असिस्टेंट प्रोफेसर सह कंप्यूटर सेंटर इंचार्ज अमरेंद्र नारायण के साथ हुई मारपीट के मामले में ऑनलाइन पिटिशन पर हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर लिंक शेयर कर पिटिशन पर हस्ताक्षर करने का अनुरोध किया जा रहा है। अब तक कई लोगों ने उनके समर्थन में ऑनलाइन पिटिशन पर समर्थन जाहिर किया है। आरा में हुई इस घटना ने बिहार समेत देश के शिक्षकों में उबाल ला दिया है। हर कोई अमरेंद्र के साथ घटित घटना की निंदा और भर्त्सना करते हुए न्याय की मांग कर रहा है। बिहार के कई यूनिवर्सिटी में शिक्षकों ने सोशल मीडिया पर इस घटना की निंदा की है। इधर, घटना के कई दिन बीत जाने के बाद विलंब से हुई विवि स्तर की कार्रवाई पर भी शिक्षकों में नाराजगी भी है। शिक्षक अमरेंद्र नारायण के साथ हुई मारपीट कि घटना मामले में लोगों का गुस्सा देख पुलिस प्रशासन भी एक्टिव हो गई है। वर्तमान एसपी हर किशोर राय से भी अमरेंद्र नारायण ने मुलाकात कर दोषी पर कार्रवाई की मांग की है। वहीं एसपी ने कार्रवाई का भरोसा भी दिलाया है। कई शिक्षाविदों का कहना है कि मारपीट कि इस घटना ने कानून के साथ शिक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़ा किया है।
विद्वान और तेज तर्रार शिक्षक हैं अमरेंद्र
लोगों की मानें तो भौतिकी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अमरेन्द्र नारायण विद्वान और तेज तर्रार हैं। इसके अलावा इनके स्वभाव का भी हर कोई कायल है। विदेश में अपना बेहतर कॅरियर छोड़कर बिहार की सेवा के लिए उन्होंने वीर कुंवर सिंह विवि में योगदान किया है। उनमें अपने बिहार के लिए कुछ करने का जज्बा है। कारण यह है कि वे बिहार के भोजपुर में बड़हरा के रहने वाले है। बता दें कि अमेरिका के वर्जिनिया में न्यूक्लियर साइंस में शोध करने के बाद डॉ अमरेन्द्र नारारण को आइआइटी, मुंबई से लेकर रांची विश्वविद्यालय तक कई जगह बड़े अवसर मिले, लेकिन उन्होंने अपनी जन्मभूमि बिहार की सेवा करने का निर्णय लिया। उनकी काबिलियत को देख कर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने विवि के कंप्यूटर सेंटर का इंचार्ज बनाया और रिजल्ट से लेकर कई महत्वपूर्ण कार्य दिए। इसमें शोध की धांधली रोकने के लिए प्लेगरिज्म जांच का जिम्मा भी सौंपा। सूत्र बताते हैं कि मारपीट कि घटना के पीछे इनकी ईमानदारी और निष्ठापूर्वक कार्य करना भी है, क्योंकि कई लोगों का कार्य सफल नहीं हो रहा था। उन्होंने अपने कार्य में किसी तरह का समझौता नहीं किया। मालूम हो पिछले 13 अगस्त को एक पूर्व छात्र नेता जीतेंद्र पाण्डेय ने उनकी पिटाई कर दी है। इतना ही नहीं, एक अनजान लड़की से छेड़खानी के लगे कथित आरोप से वे आहत भी हैं। मारपीट मामले की सूचना विवि प्रशासन को दिए जाने और कई दिन बाद भी कार्रवाई नहीं होने से अंत में खुद उन्होंने हमलावर जीतेन्द्र पांडेय के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है।
