कोरोना के बीच मदद को किन्नरों ने भी बढ़ाए हाथ
दस रुपए दिल से दे के देखो उसे, दस लाख की दुआएं दे जाती हैं। किन्नर है साहब जात उसकी, दूसरों की खुशियों में ही वो अपनी इबादत कर जाती है। बेटे के जन्म के मौके पर तालियों की थाप पर दुआ देने वाले किन्नर...
दस रुपए दिल से दे के देखो उसे, दस लाख की दुआएं दे जाती हैं। किन्नर है साहब जात उसकी, दूसरों की खुशियों में ही वो अपनी इबादत कर जाती है। बेटे के जन्म के मौके पर तालियों की थाप पर दुआ देने वाले किन्नर समाज को बेशक समाज ने वह सम्मान न दिया हो पर आज देश में आई विपदा के मौके पर किन्नरों की मानवता की चर्चा उन्हें समाज में ऊपर ला खड़ा किया है।
बेशक समाज ने किन्नर समुदाय को सम्मान तो दूर बराबरी का दर्जा भी नहीं दिया हो पर ऐसे में मजबूर लोगों की मदद के लिए किन्नरों ने रविवार को वह कर दिखाया, जिसे देखकर लोग इस थर्ड जेंडर की वाहवाही करते नहीं थक रहे। भोजपुर जिले के कोईलवर प्रखंड में जनता के कई प्रतिनिधियों को पीछे छोड़ते हुए किन्नरों ने असहाय लोगों का हाथ थाम लिया है।
कोईलवर स्टेशन के पश्चिम और सुरौंधा कॉलोनी में रह रहे किन्नरों की टोली ने जैसे ही अपने मोहल्ले के दिहाड़ी मजदूरों के घर राशन खत्म होने की बात सुनी, परेशान हो उठे। आरा व कोईलवर के किन्नरों की मालकिन कही जाने वाली तारा किन्नर ने कोईलवर में ही अपने साथ रह रहे 20 किन्नरों को बुलाया और लोगों को सहायता करने की इच्छा जताई।