भोजपुर में दस घाटों से बालू निकासी पर लगी रोक
भोजपुर जिले के घाटों पर नियमों को ताक पर रख खुलेआम बालू की निकासी किये जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। जांच में बड़े स्तर पर गड़बड़ी मिलने पर भोजपुर डीएम संजीव कुमार ने गंभीरता से लेते हुए बालू के...
भोजपुर जिले के घाटों पर नियमों को ताक पर रख खुलेआम बालू की निकासी किये जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। जांच में बड़े स्तर पर गड़बड़ी मिलने पर भोजपुर डीएम संजीव कुमार ने गंभीरता से लेते हुए बालू के दस घाटों से निकासी करने पर रोक लगा दी है। वहीं इन घाटों पर कार्य करने वाली कंपनी से शोकॉज करते हुए संतोषजनक जवाब नहीं देने पर घाटों की बंदोबस्ती रद्द करने की चेतावनी दी है। जिला प्रशासन की इस कार्रवाई से लापरवाही करने वाली कंपनी में हड़कंप मच गया है। मालूम हो कि विगत दिनों पूर्व जिले के खनन सहायक निदेशक परशुराम सिंह द्वारा घाटों का निरीक्षण किया गया था। इस दौरान तीनों प्रखंडों के दस बालू घाटों का निरीक्षण किया था। इस दौरान सभी घाटों पर नियमानुसार न धर्मकांटा लगा था और न ही सीसीटीवी कैमरा लगाया गया था। अधिकतर घाटों से पानी में भीगे बालू लोड किया गया था, जिस कारण सड़क टूटने का खतरा पैदा हो रहा है। घाटों पर बालू निकासी का बोर्ड भी नहीं लगा था, कई घाटों पर तीन मीटर से अधिक गहराई में बालू का खनन किया गया, पाने के साथ कई घाटों पर अधिक बालू की निकासी की गयी थी। इन सभी गड़बड़ी के खिलाफ ब्रॉडसन कंपनी से निदेशक ने जवाब-तलब किया था। कंपनी द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं देने पर निदेशक ने इसकी रिपोर्ट डीएम को सौंप दी। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए डीएम ने इन घाटों पर निकासी रोकने का आदेश जारी कर दिया।
इन बालू घाटों पर रोकी गयी बालू निकासी
कोईलवर प्रखंड के बहिआरा, खनगांव, छितमपुर, हरिपुर व सदाशिवपुर, सहार प्रखंड के अंधारी, करवासीन, पेउर व खैरा और संदेश के संदेश बालू घाट पर रोक लगी है। आदेश में 15 दिनों के अंदर गड़बड़ियों का निदान कर रिपोर्ट देने का भी आदेश दिया गया है।
क्या कहते हैं अधिकारी
गड़बड़ी की शिकायतों के बाद बुधवार से बालू निकासी पर रोक लगा दी गयी है। निर्धारित समय सीमा के अंदर गड़बड़ी में सुधार नहीं करने पर इन सभी बालू घाटों से निकासी पर स्थायी रूप से रोक लगा दी जायेगी।
संजीव कुमार, डीएम, भोजपुर