भोजपुर की सड़कों पर यमदूत बन दौड़ रहीं गाड़ियां
अगर आप भोजपुर की सड़कों पर चल रहे हैं, तो जरा संभल के चलें। वरना कभी भी सड़क हादसे के शिकार हो सकते हैं और आपकी जान जा सकती है। संयोग से अगर आपकी जान बच गयी, तो अंग-भंग होना तो निश्चित...
अगर आप भोजपुर की सड़कों पर चल रहे हैं, तो जरा संभल के चलें। वरना कभी भी सड़क हादसे के शिकार हो सकते हैं और आपकी जान जा सकती है। संयोग से अगर आपकी जान बच गयी, तो अंग-भंग होना तो निश्चित है। क्योंकि जिले की सड़कों पर गाड़ियां यमदूत बनकर दौड़ रही हैं। सड़क हादसों के आंकड़े कुछ ऐसी ही कहानी बयां कर रहे हैं। जिले में महज 27 दिनों में 20 लोगों की जान जा चुकी है। इसके अलावे सौ से अधिक लोग हाथ-पैर तुड़वा चुके हैं। इसकी मुख्य वजह वाहनों की अनियंत्रित रफ्तार व ट्रैफिक नियमों की अनदेखी है। सबसे अधिक हादसे बाइक, बालू लदे ट्रैक्टर व ट्रक से हो रहे हैं। बावजूद इसके वाहनों की रफ्तार पर रोक लगाने के कोई ठोस उपाय नहीं कि या जा रहा है। हालांकि हादसों से बचाव व उपाय को लेकर हाइवे व स्टेट हाइवे पर कहीं-कहीं बोर्ड लगाकर प्रशासन द्वारा अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली गयी है। इधर, हादसों के लिए डेंजर जोन बनते जा रहे कुछ गांवों के लोगों द्वारा अपने स्तर से वाहनों की रफ्तार पर रोक के लिए स्पीड ब्रेकर बनाये गये हैं। हालांकि मानक के अनुसार निर्माण नहीं किये जाने से ग्रामीण स्तर से बनाये गये स्पीड ब्रेकर भी खतरनाक साबित हो रहे हैं। बता दें कि सड़कों का निर्माण होने के कारण वाहनों की रफ्तार भी बढ़ गयी है। ट्रैफिक नियमों की अनदेखी भी लोगों पर पड़ रहा भारी वाहनों की बेलगाम रफ्तार के साथ-साथ ट्रैफिक नियमों की अनदेखी भी बढ़ रहे सड़क हादसों की मुख्य वजह बनती जा रही है। ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करने वालों में सबसे अधिक संख्या बाइकर्स, छोटे चारपहिया वाहन व ट्रैक्टर की है। एक-दूसरे से आगे निकलने के चक्कर में भी वाहनों में भिड़ंत हो जा रही है। बता दें कि बिना हेमलेट पहने व धूम स्टाइल में बाइक चलाना युवाओं के लिए फैशन बनता जा रहा है। ऐसे में थोड़ी सी भी चूक इनके लिए महंगा पड़ जा रहा है। सड़क हादसों में बिना हेमलेट वाले बाइकर्स की संख्या अधिक है। वहीं छोटे चारपहिया वाहन, ट्रक व ट्रैक्टर रफ्तार के कारण हादसे के शिकार हो रहे हैं। शहर में भी तेज गति से चल रहे वाहनहाइवे व स्टेट हाइवे के अलावा शहर में भी वाहन बेलगाम गति से चल रहे हैं। चाहे दोपहिया वाहन हो या चारपहिया, सबकी स्थिति एक जैसी है। लहेरिया कट बाइकर्स की संख्या भी शहर में बढ़ती जा रही है। जगह-जगह पुलिस की मौजूदगी के बावजूद इनकी रफ्तार पर ब्रेक नहीं लग पा रही है। स्थिति ऐसी है कि लोगों को पैदल चलने में भी डर लग रहा है। अभी कुछ दिनों पहले शहर के ओवरब्रिज व जजकोठी मोड़ के समीप के हादसे इसके गवाह हैं। इन दोनों जगहों पर अनियंत्रित वाहनों की रफ्तार कर कहर देखने को मिला था। इस पर अंकुश लगाना प्रशासन के लिए चुनौती बनता जा रहा है। हादसों से बचने के लिए क्या करें उपायहमेशा हेलमेट पहन कर बाइक चलायें। अपने लेन में चलें और ट्रैफिक नियमों का पालन करें। सड़कों पर ओवरटेक करने से बचें। वाहन गति की सीमा में चलायें।