ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News बिहार आराभोजपुर के 685 जलाशयों में से 61 पर दबंगों का कब्जा

भोजपुर के 685 जलाशयों में से 61 पर दबंगों का कब्जा

भोजपुर जिले के 1200 हेक्टेयर में फैले लगभग 685 जलाशय हैं। इनमें से 61 जलाशयों पर दबंगों का कब्जा बताया जा रहा है। मत्स्य विभाग के अधिकारी भी इस तथ्य को स्वीकारते हैं। उनकी बात सही मान ली जाये तो इन...

भोजपुर के 685 जलाशयों में से 61 पर दबंगों का कब्जा
हिन्दुस्तान टीम,आराSun, 13 Oct 2019 02:08 AM
ऐप पर पढ़ें

भोजपुर जिले के 1200 हेक्टेयर में फैले लगभग 685 जलाशय हैं। इनमें से 61 जलाशयों पर दबंगों का कब्जा बताया जा रहा है। मत्स्य विभाग के अधिकारी भी इस तथ्य को स्वीकारते हैं। उनकी बात सही मान ली जाये तो इन जलाशयों को दबंगों के कब्जे से मुक्त कराने के लिए जिला प्रशासन से अनुरोध किया गया है। सूत्रों का यह भी कहना है कि इन जलाशयों को कब्जे से मुक्त नहीं कराया गया तो 1200 हेक्टेयर में फैले जलाशयों का नामोनिशान खत्म हो जायेगा और भविष्य में भोजपुर जिले के लोगों को मछलियों के लिए बाहरी संसाधनों का सहारा लेना पड़ेगा।

जलाशयों की नीलामी के लिए 29 लाख निर्धारित

जलाशयों की नीलामी के लिए सुरक्षित जमा राशि के रूप में लगभग 29 लाख रुपये निर्धारित हैं। प्राकृतिक स्त्रोतों से भोजपुर जिले के जलाशयों में आयी मछलियों को पकड़ने के लिए प्रत्येक साल नीलामी होती है। 14 प्रखंडों में से 13 प्रखंडों में मत्स्यजीवी सहयोग समितियां सक्रिय हैं। सहार प्रखंड में चुनाव नहीं होने से जिला मत्स्य पदाधिकारी के कार्यालय से नीलामी की गयी। बकायेदार होने की वजह से पीरो की मत्स्यजीवी सहयोग समिति के जलाशय की नीलामी का अधिकार नहीं दिया गया। सूत्रों की मानें तो पीरो और सहार के जलाशयों की नीलामी अधिकतम बोली लगाने वालों को दी जा रही है। 13 प्रखंडों के जलाशयों को सुरक्षित जमा राशि पर ही नीलामी के लिए दे दी गयी। सरकारी प्रावधानों के मुताबिक मत्स्यजीवी सहयोग समितियों को मछली पकड़ने के लिए सदस्यों के हाथ ही नीलाम किया जाना है, लेकिन समिति के सचिव और प्रखंड स्तरीय निबंधक मिलकर गैर सदस्यों से प्रत्येक जलाशय का 40-50 हजार रुपये वसूल लेते हैं।

बीज व चारा के लिए 90 प्रतिशत का अनुदान

सरकारी अथवा गैर सरकारी जलाशयों में मछली पालन के लिए बीज और चारा खरीदने वालों को सरकार अनुदान दे रही है। अनुसूचित जाति जनजाति के अलावा अत्यंत पिछड़ी जातियों के आवेदकों को 90 प्रतिशत और सामान्य जातियों के आवेदकों को 60 प्रतिशत अनुदान देने का प्रावधान है। तलाब निर्माण में भी अनुसूचित जाति-जनजाति के अलावा अत्यंत पिछड़ी जाति के आवेदक 90 प्रतिशत अनुदान पायेंगे और सामान्य जाति के आवेदकों को 40 प्रतिशत अनुदान देने का प्रावधान है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें