जगदीशपुर : राजद जीत का चौका लगाने, तो एनडीए रथ रोकने को आतुर
-जातीय समीकरण में जदयू और राजद मजबूत, माले का भी अपना जनाधार माले का भी अपना जनाधार सुशील कुमार सिंह/जयप्रकाश सिंह आरा। देश के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 की क्रांति के अमर योद्धा वीरबांकुड़ा...

-जातीय समीकरण में जदयू और राजद मजबूत, माले का भी अपना जनाधार सुशील कुमार सिंह/जयप्रकाश सिंह आरा। देश के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 की क्रांति के अमर योद्धा वीरबांकुड़ा बाबू कुंवर सिंह की धरती जगदीशपुर का राजनीतिक और सामाजिक समीकरण प्रारंभ से ही जुदा रहा है। पिछले तीन चुनावों में राजद यहां जीत की हैट्रिक लगा चुका है और इस बार चौका लगाने में जुटा है। वहीं एनडीए की ओर से जदयू राजद का विजयी रथ रोकने की हरसंभव कोशिश कर रहा है। चुनाव के पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस साल यहां दो बार सरकारी कार्यक्रमों में आ चुके हैं। महागठबंधन से राजद के कोटे में एक बार फिर यह सीट रहने की उम्मीद है, जबकि एनडीए में यह सीट अभी जदयू के खाते में है।
इस बार जनसुराज भी सक्रिय है। बता दें कि भोजपुर के जगदीशपुर विधानसभा क्षेत्र में जिले के पश्चिम और दक्षिण इलाके के गांवों और नगर निकाय को समेटे हुए है। नये परिसीमन में यह विधानसभा क्षेत्र जगदीशपुर प्रखंड और नगर समेत पीरो की 16 पंचायतों को मिलाकर बना है। जगदीशपुर बाबू वीर कुंवर सिंह के नाम से जाना जाता रहा है। आज भी बाबू साहेब का नाम लिए बिना यहां की राजनीति सफल नहीं होती है। कुशवंशी और यदुवंशी के बीच होता रहा है मुकाबला, रघुवंशी निर्णायक कुछेक अपवादों को छोड़ दें तो आम तौर पर यहां कुशवंशी और यदुवंशी के बीच मुकाबला होता रहा है। रघुवंशी जीत-हार में अहम भूमिका निभाते रहे हैं तो कुछ बार ताज हासिल करने में भी कामयाब रहे हैं। रघुवंशी निर्दलीय भी जीतने में सफल रहे हैं। वैसे कांग्रेस के शासनकाल और जनता पार्टी की लहर के समय में भी यहां से निर्दलीय जीत का झंडा बुलंद करते रहे। 1985 में लोकदल के टिकट पर पूर्व मंत्री रहे हरिनारायण सिंह को जीत मिली। वहीं 1990 में पहली बार मैदान में उतरी आईपीएफ ( अब भाकपा माले ) के प्रत्याशी के तौर पर श्रीभगवान कुशवाहा ने जीत का परचम लहराया था। इसके बाद से यहां जातीय समीकरण हावी होता गया और जनता दल की लहर में हरिनारायण सिंह ने 1995 के चुनाव में जीत दर्ज की। तब तक श्रीभगवान कुशवाहा माले छोड़ नीतीश कुमार के साथ जा चुके थे और साल 2000 के चुनाव में समता पार्टी के टिकट पर उन्हें जीत भी मिली। इसके बाद भाजपा और जदयू का गठबंधन होने पर श्रीभगवान कुशवाहा ने जीत का सिलसिला जारी रखा और 2005 के दोनों ही चुनावों में उन्हें जीत मिली। एनडीए की सरकार में लव-कुश समीकरण का ध्यान रखते हुए उन्हें मंत्री भी बनाया गया। हालांकि 2008 में नया परिसीमन बनने के बाद से यहां राजद ने अपनी मजबूत पकड़ बनाई। 2010 के बाद से तो जातीय समीकरण का लाभ लेते हुए राजद जीत की हैट्रिक लगा चुका है। रामविशुन सिंह लोहिया को राजद ने दो बार मौका दिया और वे दोनों ही चुनाव जीतने में सफल रहे। नये गठबंधन में 2015 में जदयू का साथ मिला तो 2020 में माले के साथ मिलकर लड़े राजद को और मजबूती मिली। माले का यहां अपना जनाधार रहा है। वैसे जिले में आईपीएफ के नाम से पहली बार चुनावी मैदान में उतरे अब के भाकपा माले को जगदीशपुर में श्रीभगवान के सहारे ही जीत का ताज मिला था। तब से हर बार माले तीसरे स्थान पर रहा। अभी यह सीट गठबंधन में राजद कोटे में है और राजद के मजबूत किले को तोड़ने के लिए एनडीए भी रणनीति बनाने में जुटा है। पिछले विधानसभा चुनाव में एनडीए से अलग लोजपा के टिकट पर लड़ने वाले श्रीभगवान सिंह फिर से जदयू में हैं और वे फिलहाल बिहार विधान परिषद के सदस्य भी हैं। पिछले चुनाव में लोजपा की राह जुदा होने से यहां एनडीए प्रत्याशी का वोट बंटा और जदयू (एनडीए) से लड़ने वाली सुषुमलता को तीसरे स्थान पर खिसक जाना पड़ा। श्रीभगवान सिंह हैट्रिक के साथ चार बार जीते, हार के बाद भी मुकाबले में रहे श्रीभगवान सिंह कुशवाहा जगदीशपुर में लगातार तीन जीत के साथ चार बार चुनावों में विजयी रहे हैं। पहली बार आईपीएफ तो बाद के तीन चुनाव नीतीश कुमार के साथ रहकर जीते। हालांकि 2008 में नया परिसीमन बनने के बाद से उन्हें एक बार भी जीत नहीं मिली है। तब से तीनों चुनावों में राजद जीत दर्ज करता रहा है। राजद ने 2015 में अपना सीटिंग प्रत्याशी बदला, फिर भी जीत मिलती रही है। 2020 में तो एनडीए के प्रत्याशी को श्रीभगवान सिंह ने तीसरे स्थान पर खिसका दिया और जदयू के टिकट से वंचित होने पर लोजपा के सिंबल पर लड़कर भी मुख्य मुकाबले में रहे थे। पहली महिला कैबिनेट मंत्री समेत कई मंत्री बने जगदीशपुर इलाके से निर्वाचित पहली विधायक सुमित्रा देवी को बिहार की पहली महिला कैबिनेट मंत्री बनने का गौरव हासिल है। हालांकि 1962 में मंत्री बनने के दौरान वह आरा से चुनी गई थीं। वे अलग-अलग जगहों से छह बार विधायक चुनी गयीं। बाद में पहली महिला लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार की सास बनीं। 1985 और 1995 में क्रमश : लोक दल व जनता दल से चुने गये हरि नारायण सिंह मंत्री बने। वहीं चार बार विधायक चुने गये श्रीभगवान सिंह भी मंत्री बने। चौहद्दी : पुरब : संदेश, अगिआंव पश्चिम : रोहतास, बक्सर उत्तर : शाहपुर दक्षिण : पीरो और रोहतास कुल वोटर : 294987 पुरुष मतदाता : 156388 महिला मतदाता : 138591 थर्ड जेंडर : 08 --------- कब कौन जीते : 1952 सुमित्रा देवी कांग्रेस 1957 सुमित्रा देवी कांग्रेस 1962 सूकर राम प्रसोपा 1967 शिवपूजन राय कांग्रेस 1969 सत्यनारायण सिंह निर्दलीय 1972 शिवपूजन वर्मा कांग्रेस 1977 - सत्यनारायण सिंह, निर्दलीय 1980 - वीर बहादुर सिंह, निर्दलीय 1985 - हरिनारायण सिंह, लोक दल 1990 - श्रीभगवान सिंह, आईपीएफ 1995 - हरिनारायण सिंह, जनता दल 2000 - श्रीभगवान सिंह, समता पार्टी 2005(फरवरी) श्रीभगवान सिंह, जदयू 2005(अक्टूबर) श्रीभगवान सिंह, जदयू 2010 - दिनेश कुमार सिंह, राजद 2015 - रामविशुन सिंह, राजद 2020 - रामविशुन सिंह, राजद --------- जीत-हार का अंतर : 2010 दिनेश कुमार सिंह उर्फ भाई दिनेश, राजद -55560 श्रीभगवान सिंह, जदयू -45374 अंतर -10186 2015 रामविशुन सिंह लोहिया, राजद -49020 राकेश रौशन, रालोसपा -38825 अंतर -10195 2020 रामविशुन सिंह लोहिया, राजद -66632 श्रीभगवान सिंह, लोजपा -44525 अंतर -22107 --------- ------------ कार्य जो क्षेत्र में हुए : 1. ककिला में राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज का निर्माण और संचालन शुरू हुआ। 2. हरिगांव में मोहित सरोवर और दावां, ककिला, धर्मपीपरा, उतरदाहां, अरैला, जमुआंव में कई विकास कार्य हुए। 3. बिहिया-पीरो स्टेट हाईवे का जीर्णोद्धार का कार्य हुआ। 4. हेतमपुर, डोमन डीहरा, कटरिया, दुल्हिनगंज, कौंरा बरांव व हरिगांव सुंदरा में पावर सब स्टेशन का निर्माण हुआ। 5. आजादी के बाद पहली बार सनेया, भटौली व नाढ़ी में सड़क का नवनिर्माण हुआ। कार्य जो क्षेत्र में नहीं हो सके : 1. जगदीशपुर में बाबू वीर कुंवर सिंह के किले को पर्यटन स्थल का दर्जा नहीं मिला। 2. जगदीशपुर में सरकारी और प्राइवेट बस पड़ाव का निर्माण नहीं हो सका। 3. जगदीशपुर में अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय का निर्माण नहीं हो सका। 4. सिंचाई के लिए बंद पड़े कई सरकारी नलकूपों को चालू नहीं कराया जा सका। ---------- कोट : जगदीशपुर विधानसभा क्षेत्र में विकास के कई कार्य हुए। इस दौरान जगदीशपुर का सर्वांगीण विकास हुआ। बिजली और सड़क से लेकर स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई कार्य हुए। सिंचाई के लिए नहरों की सफाई करा पानी अंतिम छोर तक पहुंचाने का काम हुआ। नगर के सात तालाबों का विकास हुआ। क्षेत्र में विकास किए हैं और आगे और करेंगे। जगदीशपुर के विकास के लिए पूरी तरह संकल्पित हैं l रामविशुन सिंह लोहिया, विधायक कोट क्षेत्र के विकास के लिए विधायक को जो राशि मिली है, उसका भी सही से सदुपयोग नहीं हो पाया है। जब से हम एमएलसी बने, तब से विशेष आग्रह कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दो बार क्षेत्र में बुलाकर यहां विकास की लकीर खींचवाने की कोशिश की है। मौजूदा विधायक राज्य सरकार की ओर से किये गये विकास को अपना विकास बता रहे हैं। वर्तमान विधायक ने क्षेत्र में विकास का कोई काम नहीं किया है। आने वाले चुनाव में जनता इनसे हिसाब लेगी। श्रीभगवान सिंह कुशवाहा, एमएलसी सह प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी
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