
पश्चिम से सीखने की बजाय अपनी संस्कृति आगे करें : कुलपति
संक्षेप: -भारतीय संस्कृति हिमाचल की तरह प्राचीन और विशाल : रामाशीष, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के पीजी राजनीति विज्ञान विभाग की ओर से स्व और भारत विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया
-भारतीय संस्कृति हिमाचल की तरह प्राचीन और विशाल : रामाशीष -पीजी राजनीति विज्ञान विभाग की ओर से स्व और भारत विषय पर विचार गोष्ठी आरा। निज प्रतिनिधि वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के पीजी राजनीति विज्ञान विभाग की ओर से स्व और भारत विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में कुलपति प्रो. शैलेन्द्र कुमार चतुर्वेदी तथा मुख्य वक्ता के रूप में अखिल भारतीय कार्यकारणी सदस्य प्रज्ञा प्रवाह रामशीष सिंह मौजूद रहे। स्वागत विभागाध्यक्ष प्रो कुंदन कुमार सिंह, विषय प्रवर्तन डॉ. मनोज कुमार ने किया। मंच संचालन डॉ चिंटू ने किया। वक्ताओं ने उनस्व और भारत का परिचय कराया।
मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. शैलेन्द्र कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि भारत की संस्कृति हिमालय और गंगा को मिलाकर को मिलाकर बनती हैं। हमें पश्चिम से सीखने की बजाय अपनी संस्कृति को आगे करना होगा तभी अपना भारत आगे बढ़ेगा। उन्होंने भारत कैसे विश्व गुरु बनेगा, इस पर विस्तार से चर्चा की। कहा कि गुरु का सम्मान कर ही भारत विश्व गुरु बना रहा। गुरु का सम्मान कर ही हम आगे बढ़ सकते हैं। मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए रामाशीष जी ने स्व और भारत थीम के अंतर्गत भारतीय ज्ञान परंपरा से परिचय कराया। बताया कि भारतीय संस्कृति हिमाचल की तरह प्राचीन और विशाल है। भारत को जानने के लिए हमें स्व को जानना होगा। धन्यवाद ज्ञापन करते हुए डॉ. लक्ष्मी कुमारी कहा कि इसी प्रकार ज्ञान का आदान-प्रदान भारत की संस्कृति रही है। सभा को आयोजित करने सभी शिक्षकों के साथ रिसर्च स्कॉलर और छात्र-छात्राओं का भी अमूल्य योगदान रहा। मौके पर कई पीजी विभागों के विभागाध्यक्ष मौजूद थे।

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