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शहर के रिहायशी इलाके की छतों से गुजर रहे बिजली तार

शहर के कई ऐसे रिहायशी इलाके हैं, जहां आज भी लोगों की छतों से होकर 33 हजार हाई वोल्ट के तार गुजर रहे हैं। इससे...

शहर के रिहायशी इलाके की छतों से गुजर रहे बिजली तार
हिन्दुस्तान टीम,आराWed, 19 Feb 2020 12:39 PM
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आरा। शहर के कई ऐसे रिहायशी इलाके हैं, जहां आज भी लोगों की छतों से होकर 33 हजार हाई वोल्ट के तार गुजर रहे हैं। इससे केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आरके सिंह के संसदीय इलाके के जिला मुख्यालय में भी आये दिन हादसे हो रहे हैं। बावजूद बिजली कंपनी का इस ओर या तो ध्यान नहीं जा रहा है या फिर वरीय अफसर जान-बूझकर उदासीन बने हुए हैं। सोमवार से शुरू हुई मैट्रिक परीक्षा में शामिल होने के लिए अपने करीबी के घर आयी एक अनजान छात्रा पहले ही दिन छत पर बिजली तार की चपेट में आकर हादसे का शिकार हो गई। इससे जहां एक ओर वह अपने जीवन की महत्वपूर्ण परीक्षा से वंचित हो गई तो वहीं दूसरी ओर गंभीर रूप से झुलसने के चलते पटना में जीवन व मौत के बीच संघर्ष कर रही है। बड़हरा प्रखंड के फरहदा गांव की झुलसी छात्रा रिचा कुमारी के लिए मोहल्ले वासी प्रार्थना भी कर रहे हैं। इस ताजा घटना को ले महाराणा प्रताप नगर, संकट मोचन नगर, वशिष्ठ नगर व आनंद नगर मोहल्लों के निवासियों में नाराजगी देखी जा रही है। ऐसी भी बात नहीं है कि ये मोहल्ले बिल्कुल नये हैं। अधिकतर घर तो वर्षों पूर्व बने हैं और बहुतेरे परिवार काफी समय से रह रहे हैं। बावजूद छतों के ऊपर से गुजर रहे हाई वोल्टेज तारों को हटाकर अन्यत्र शिफ्ट नहीं किया जा रहा है।

अब तक आठ लोग हो चुके हैं शिकार

महाराणा प्रताप नगर निवासी व जागरूक नागरिक अधिकार मंच के संयोजक अशोक कुमार तिवारी ने बताया कि विगत 20 वर्षों से यह स्थिति बनी हुई है। जब भी कोई हादसा होता है, बिजली कंपनी को इसकी सूचना दी जाती है। जल्द ही वैकल्पिक व्यवस्था का आश्वासन दिया जाता है, लेकिन अब तक परिणाम सिफर ही रहा है। उन्होंने बताया कि हाल के कुछ वर्षो में आठ लोग हाई वोल्टेज तार की चपेट में आ चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कंपनी के अफसर बिचौलियों (ठेकेदार) के माध्यम से तार हटवाने के लिए दो-तीन लाख खर्च होने की बात कहलवाते हैं। अप्रत्यक्ष रूप से मोहल्ले वासियों को संदेश दिया जाता जब तक पैसे नहीं मिलेंगे, तब तक मोहल्लों से बिजली का तार नहीं हटेगा। कुछ ऐसी ही स्थिति पूरबवारी गुमटी के पास, गोढ़ना जैसे मोहल्लों में भी है।

50 मकानों का ऊपरी निर्माण भी अधर में

इन मोहल्लों के लगभग 50 घरों का ऊपरी निर्माण भी अधर में लटका है। हादसों के चलते कई लोग तो अपने-अपने छत पर चढ़ाई करना बंद कर चुके हैं। उन्हें हमेशा डर बना रहता है कि कहीं कोई अप्रिय घटना न हो जाए। धूप सेंकने के लिए बच्चों को भी छतों पर नहीं जाने दिया जाता है। मुन्ना मिश्रा, केके तिवारी, अरविंद सिंह, संजय चोपड़ा, संजय सिंह, कमलेश मिश्रा, कुंदन तिवारी, बबन राम व अन्य कहते हैं-अपना घर है पर बिजली कंपनी की घोर लापरवाही के कारण अपनी छत नहीं रह गई है। रामाशंकर सिंह, रामानंद सिह, अशोक सिंह, निरंजन सिंह, एके सिंह, श्रीराम सिंह, आनंद कुमार, शैलेश उपाध्याय, उमरावती तिवारी, गुड़िया देवी, साधु मिश्रा, मनोज श्रीवास्तव व अन्य कहते हैं कि अपनी छत होने के बाद भी घरों में कैद रहने से धूप नहीं मिलने के कारण बुजुर्ग व महिलाएं तो विभिन्न रोगों से ग्रसित होती जा रही हैं।

आंदोलनों का भी नहीं हो रहा असर

छतों से गुजर रहे हाई वोल्टेज तार हटाने के लिए मोहल्लेवासियों को बार-बार आंदोलन भी करना पड़ रहा है। कई बार रोड जाम कर पुतला दहन भी किया गया है। पिछले साल प्रशासन आपके द्वार कैंप में भी इससे संबंधित आवेदन दिया गया था। बावजूद इसका प्रभाव न तो बिजली कंपनी के किसी पदाधिकारी पर पड़ा और न ही जिला प्रशासन पर। इसका परिणाम है कि मोहल्ले वासी अब भी परेशानियों से गुजर रहे हैं।

क्या कहते हैं अधिकारी

हाई वोल्टेज तार शिफ्ट करने का विभागीय नियम नहीं है। यदि तार नीचे लटका है या अन्य कोई त्रुटियां हैं तो सुरक्षा खामियों को दूर किया जायेगा। रुपये मांगने का आरोप गलत है। किसी निजी प्लॉट से अलग शिफ्ट करना है तो उसमें पोल-तार के खर्च की बात ठेकेदार की ओर से कही गयी होगी। एक बार जायजा लेकर, जो संभव होगा, उसे जरूर किया जायेगा।

प्रसन्नजीत कुमार सिन्हा

बिजली कार्यपालक अभियंता, आरा

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