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कथा में सीता-राम विवाह का किया वर्णन

मारुत नंदन सेवा समिति द्वारा रमना मैदान स्थित महावीर मंदिर परिसर में आयोजित राम कथा, भागवत कथा व नवाह्न पारायण पाठ के तीसरे दिन मधुरेश जी महाराज ने धनुष भंग व सीता-राम विवाह का वर्णन...

कथा में सीता-राम विवाह का किया वर्णन
हिन्दुस्तान टीम,आराMon, 19 Nov 2018 08:38 PM
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मारुत नंदन सेवा समिति द्वारा रमना मैदान स्थित महावीर मंदिर परिसर में आयोजित राम कथा, भागवत कथा व नवाह्न पारायण पाठ के तीसरे दिन मधुरेश जी महाराज ने धनुष भंग व सीता-राम विवाह का वर्णन किया। आरा जनकपुर व अयोध्या के बीचों-बीच स्थित है। इस लिहाज से यह स्थल राम व सीता को जोड़ने वाला है। दोपहर में राष्ट्रीय संत स्वामी मधुसूदन शास्त्री ने भागवत कथा में कहा कि भागवत से हर वर्ग व आयु के लोग अपना कल्याण कर सकते हैं। कृष्ण ने हर मुश्किल वक्त में अर्जुन का साथ देकर दोस्ती का प्रमाण दिया। कृष्ण ने सिखाया था कि सफलता नहीं मिलने पर हिम्मत नहीं हारनी चाहिए, बल्कि हार की वजहों को जानकार आगे बढ़ना चाहिए। भागवत कथा के बाद मानस कोकिला डॉ प्रज्ञा मिश्रा ने राम कथा प्रारंभ की। उन्होंने कहा कि जिसमें ज्ञान का सागर हो और उस पर अहम न हो, वही हनुमान है। जिनमें भक्ति कूट-कूट कर भरी हो, वही हनुमान है| इनके नाम व स्मरण से भूत-प्रेत व पिशाच निकट नहीं आते हैं| कलियुग में हनुमान जी का नाम व हनुमान चालीसा से बड़ा कोई ग्रन्थ नहीं है। विन्ध्याचल से आये स्वामी कृष्णानंद जी महाराज ने राम कथा कही। हिन्दू धर्म की विशेषता मर्यादा में रह कर अधर्म का नाश कर धर्म की स्थापना करना है। अध्यक्षता राम सुरेश सिंह ने की और संचालन डॉ सत्यनारायण उपाध्याय व डॉ सुनील कुमार सिंह ने किया। सरदार वीरेन्द्र सिंह, मुक्तेश्वर उपाध्याय, शिवजी सिंह, सुदामा राय व अन्य उपस्थित थे।

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