भीड़ के बीच दिनदहाड़े हत्या ही खुर्शीद सहित दस आरोपितों के लिए बना फांस
-इमरान की हत्या को कोर्ट ने काफी क्रूर व सभ्य समाज के खिलाफ माना जाज जजाजज जाज ज जाज ज जाजज जाजज...
संवाददाता
आरा। शहर में काफी भीड़-भाड़ के बीच दिनदहाड़े बैग कारोबारी इमरान खान की हत्या करना ही कुख्यात खुर्शीद कुरैशी सहित सभी दस आरोपितों के लिए गले का फांस बन गया। कोर्ट ने इसे रेयर ऑफ रेयरेस्ट मानते हुए सोमवार को आरोपितों को फांसी की सजा सुना दी। कोर्ट ने हत्या की इस वारदात को क्रूर और सभ्य समाज के खिलाफ माना है। कोर्ट का कहना है कि दहशत पैदा कर रंगदारी वसूलने के लिए इस घटना को अंजाम दिया गया है। इस केस में मृत्युदंड की सजा के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। आजीवन कारावास की सजा अपर्याप्त होती। नवम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार की ओर से दिये जजमेंट में इस बात का उल्लेख किया गया है। अपने फैसले में कोर्ट की ओर से कहा गया है कि घटना अत्यंत क्रूर और सभ्य समाज के खिलाफ है। काफी भीड़ के बीच दिन के उजाले में इस घटना को अंजाम दिया गया है। इस घटना का उद्देश्य सिर्फ एक व्यक्ति की हत्या करना नहीं बल्कि दहशत पैदा कर रंगदारी वसूलना है। बता दें कि छह दिसंबर, 2018 की दोपहर शहर के काफी भीड़-भाड़ की मौजूदगी धर्मन चौक के पास बड़े बैग कारोबारी इमरान खान की हत्या कर दी गयी थी। ताबड़तोड़ की गयी फायरिंग में कारोबारी के भाई अकील अहमद और बगल में काम कर रहे बीएसएनएल के कर्मचारी को भी गोली लग गयी थी। अनुसंधान के बाद टाउन थाने की पुलिस ने इस मामले में खुर्शीद कुरैशी और उसके भाई अब्दुल्ला कुरैशी सहित दस लोगों के खिलाफ मामला सत्य पाते हुए आरोप पत्र दाखिल किया था। इसके बाद कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए ट्रायल शुरू की। गवाही और दोनों पक्षों की ओर से चली लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने सभी दस आरोपितों को दोषी हुए ठहराते सोमवार को फांसी की सजा सुना दी।
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