ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News बिहार आरादिहाड़ी मजदूर की बेटी बनी न्यायिक पदाधिकारी

दिहाड़ी मजदूर की बेटी बनी न्यायिक पदाधिकारी

भोजपुर के शाहपुर प्रखंड के भरौली गांव की रहने वाली सुनीता कुमारी ने बिहार न्यायिक सेवा परिषद में 14वां रैंक प्राप्त कर महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। मैट्रिक की परीक्षा शाहपुर के भरौली हाई स्कूल से ही...

दिहाड़ी मजदूर की बेटी बनी न्यायिक पदाधिकारी
शाहपुर | एक संवाददाताMon, 02 Dec 2019 05:14 PM
ऐप पर पढ़ें

भोजपुर के शाहपुर प्रखंड के भरौली गांव की रहने वाली सुनीता कुमारी ने बिहार न्यायिक सेवा परिषद में 14वां रैंक प्राप्त कर महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। मैट्रिक की परीक्षा शाहपुर के भरौली हाई स्कूल से ही पास की थी। 12वीं की परीक्षा कोलकाता एवं स्नातक की परीक्षा दिल्ली से पास करने के बाद एलएलबी और एलएलएम की परीक्षा कोलकाता के मौसमी कॉलेज से पास की थी। इसके बाद न्यायिक सेवा की तैयारी में जुट गई थी। इनके पिता अजय प्रसाद दिल्ली में दिहाड़ी मजदूर का काम करते हैं। माता राजकुमारी गृहणी हैं। शिक्षा-दीक्षा उनके बाबा स्व तुलसी प्रसाद के सानिध्य में हुई, जो पढ़ाई का खर्च वहन करते थे। बाबा तुलसी प्रसाद रेलवे के ड्राइवर के पद से अवकाश प्राप्त हैं, जिनका निधन कुछ समय पहले हो गया है। चयन की जानकारी इनके चाचा आदित्य प्रसाद व दशई प्रसाद ने दी। दोनों ने बताया कि सुनीता कुमारी शुरू से ही मेधावी थी। न्यायिक सेवा में चयन के बाद पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ गई और भरौली पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि राजेश कुमार मिश्र ने भी उनके घर पर पहुंचकर इनकी उपलब्धियों के सम्मान में सम्मान समारोह करने का आह्वान किया।

कुंड के सुशील पहले प्रयास में ही बने सिविल जज
26 वर्ष के सुशील जज बन गए। बिहार लोक सेवा आयोग की 30 वीं बिहार न्यायिक सेवा की प्रतियोगी परीक्षा का शुक्रवार को जारी रिजल्ट में जिले के दिनारा प्रखंड के कुंड गांव के प्रो. योगेन्द्र प्रताप सिंह व उषा देवी के पुत्र सुशील कुमार सिंह को सिविल जज बनने का सुफल मिला। पूरे बिहार में सुशील कुमार को 124 वां स्थान प्राप्त हुआ है। गांव में सुशील के घर पर बधाई देने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। दो बहन व एक भाई में सबसे बड़े सुशील कुमार सिंह प्रखंड के कुंड गांव के त्रिलोकी सिंह व श्रीपत सिंह के पोता हैं। उनके पिता प्रो. योगेन्द्र प्रताप सिह झारखंड के गढ़वा में गोविंद इंटरमीडिएट कॉलेज में कार्यरत हैं। सुशील की प्रारंभिक शिक्षा राजगीर में हुई। जहां से मैट्रिक करने के बाद डीएवी बोकारो से 2011 में इंटर किया। उसके बाद स्कूल ऑफ लॉ भुवनेश्वर से कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद भोपाल से 2018 में एलएलएम किया। उसी वर्ष कानून में नेट भी क्वालीफाई किया। बिहार में न्यायिक सेवा की परीक्षा का आवेदन अगस्त 2018 में किया। पहले ही प्रयास में उसे सफलता मिली है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें