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भोजपुर का बलिदान : सात साल में देश के लिए 12 सपूतों ने दी शहादत

भोजपुर वीरों की धरती है। यहां देश के लिए मर-मिटने वालों की कमी नहीं है। देश के लिए यहां के सपूत अपने प्राण न्योछावर करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। ब्रिटिश हुकूमत से देश को आजादी दिलाने के लिए यहां...

भोजपुर का बलिदान : सात साल में देश के लिए 12 सपूतों ने दी शहादत
आरा | प्रियरंजन मिश्राSat, 20 Jun 2020 11:57 AM
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भोजपुर वीरों की धरती है। यहां देश के लिए मर-मिटने वालों की कमी नहीं है। देश के लिए यहां के सपूत अपने प्राण न्योछावर करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। ब्रिटिश हुकूमत से देश को आजादी दिलाने के लिए यहां के कई सपूतों ने हंसते-हंसते प्राण न्योछावर कर दिये। यहां वीर बांकुड़ा बाबू कुंवर सिंह जैसे योद्धा हुए, जिन्होंने अंग्रेजों के साथ युद्ध में गोली लगने पर अपना हाथ काट गंगा में प्रवाहित कर दिया था। वहीं अंग्रेजों के साथ लड़ाई में लसाढ़ी गांव के लोगों की कुर्बानी भी किसी से छिपी नहीं है। वीरांगना अकली देवी की कहानी भी जगजाहिर है। वहीं आज देश की सरहद पर आतंकियों, तो अंदर नक्सलियों के छक्के छुड़ाने में यहां के जवान अपनी जान की आहूति दे रहे हैं।

पिछले महज सात साल में जिले के 12 सपूतों ने देश की सुरक्षा के लिए शहादत दी है। इनमें कारगिल युद्ध, उरी हमले, पुंछ में आतंकवादियों से मुठभेड़ व नक्सली हमले में इन सपूतों की जान गयी है। इन वीर सपूतों का पार्थिव शरीर जब भी तिरंगे में लिपटे उनके पैतृक गांव आता है, तो अपनों को बिछड़ने का दर्द होता है। लेकिन अपने लाल की शहादत पर गौरवान्वित भी होते हैं। इसके बाद यहां के युवा दोगुने उत्साह से सेना में जाने की तैयारी में जुट जाते हैं। 

बात करें शहीद जवानों की तो एक लंबी लिस्ट है। सिर्फ इस साल देश के लिए अब तक तीन जवानों ने अपने प्राण न्योछावर कर दिये हैं। तीनों ही जगदीशपुर अनुमंडल के रहने वाले हैं। इसके पहले अगस्त 2013 में जम्मू-कश्मीर के पूंछ में आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान जगदीशपुर के हरनहीं गांव निवासी शंभू शरण राय वीरगति को प्राप्त हो गये थे। उसी साल सितंबर माह में झारखंड में नक्सलियों से मुठभेड़ में बड़हरा के एकौना गांव निवासी संतोष सिंह शहीद हो गये थे। वहीं मई 2016 में शाहपुर के कनैली गांव निवासी अखिलेश सिंह मणिपुर में नक्सलियों के हमले में शहीद हो गये थे। 

जून 2016 में नेवी में कार्यरत बड़हरा के कोल्हरामपुर गांव निवासी नेवी के जवान राकेश राय गोवा में कर्तव्य के दौरान शहीद हो गये थे। 18 सितंबर, 2016 को कश्मीर के उरी सेक्टर में एलओसी के पास आतंकी हमले में पीरो प्रखंड के रकटू टोला निवासी हवलदार अजय अशोक सिंह व बड़हरा के पीपरपांती निवासी नायक राजकिशोर सिंह शहीद हो गये थे। राजकिशोर सिंह ने 29 सितंबर 2016 को आर्मी अस्पताल में अंतिम सांस ली थी। वहीं 24 अप्रैल, 2017 को छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में गजराजगंज ओपी क्षेत्र के तिरोजपुर गांव निवासी राधेश्याम राम को अपने प्राणों की आहूति देनी पड़ी थी। 

साल 2018 के 13 फरवरी को जम्मू कश्मीर में सीआरपीएफ कैंप पर हुए आतंकी हमले में भोजपुर पीरो निवासी जवान मो मोजाहिद शहीद हो गया था। इसी तरह 14 जून, 2019 को जिले के ही अजय मिश्र नक्सलियों से लोहा लेते शहीद हो गये थे। इसी साल पांच फरवरी को श्रीनगर में सीआरपीएफ पर आतंकवादी हमले में जगदीशपुर के देव टोला जिले के जवान रमेश रंजन शहीद हो गये थे। 

वहीं सोमवार-मंगलवार की रात लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष में जिले के दो जवान शहीद हो गये। दोनों जगदीशपुर अनुमंडल के ही रहने वाले हैं। इनमें ज्ञानपुरा गांव के चंदन व पहरपुर गांव के कुंदन ओझा शामिल हैं।

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